Farmer Protest: बीते आठ महीने से शंभू बॉर्डर पर धरना दे रहे किसान संगठन ने शुक्रवार को दिल्ली में दाखिल होने की भरपूर कोशिश की. बैरिकेड के कारण किसानों के एक जत्थे ने पैदल ही दिल्ली मार्च कर दिया. हालांकि सुरक्षा के लिए तैनात जवानों ने किसानों को रोक दिया. इसके बाद शंभू बॉर्डर इलाकों पर जमकर बवाल हुआ. पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े. किसानों का दावा है कि पुलिस की कार्रवाई में छह किसान घायल हुए हैं. हालांकि, बाद में किसानों ने आज के लिए दिल्ली मार्च स्थगित कर दिया. वहीं किसानों ने मांग की है कि वो कृषि मंत्री के साथ बैठक करना चाहते हैं. इस बीच किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि किसान अब रविवार को दिल्ली कूच करेंगे. वहीं, हालात को देखते हुए हरियाणा प्रशासन ने शंभू बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी है.
किसानों ने दिया अल्टीमेटम
शुक्रवार के लिए दिल्ली चलो मार्च स्थगित करने के बाद किसानों ने शंभू बॉर्डर पर मीडिया से बात की. पीसी में किसान नेता पंढेर ने कहा कि पुलिस की टियर गैस कई किसान घायल हुए हैं. उन्होंने कहा कि आज हम ट्रैक्टर के बिन दिल्ली जा रहे थे, लेकिन फिर भी पुलिस ने हमें रोका. पंढेर ने कहा हम बातचीत के लिए हमेशा से तैयार है. उन्होंने कहा शनिवार को किसानों का कोई भी जत्था दिल्ली में दाखिल होने की कोशिश नहीं करेगा. सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हम सरकार से बातचीत के लिए कल तक इंतजार करेंगे, नहीं तो 8 दिसंबर को दोपहर 12 बजे 101 किसानों का एक जत्था दिल्ली की ओर मार्च करेगा. उन्होंने कहा कि अगर बातचीत का दौर शुरू होता तो इस आंदोलन का कोई सुखद समाधान निकल सकता था. सरकार बातचीत के लिए तैयार नहीं है.
क्या किसानों ने अनुमति ली है- अनिल विज
इधर, किसानों के विरोध प्रदर्शन पर हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा है कि क्या किसानों ने अनुमति ली है? उन्होंने कहा कि उनके पास दिल्ली जाने और वहां धरना देने की कोई अनुमति नहीं है. विज ने कहा कि किसी कार्यक्रम के लिए दिल्ली जाने पर अगर आपको वहां बैठना है तो अनुमति लेनी होगी.
अंग्रेजों से भी आगे निकली सरकार- AAP के मंत्री
वहीं, शंभू बॉर्डर पर किसानों के विरोध प्रदर्शन पर पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ बलबीर सिंह सरकार पर कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि पहले कभी इस तरह की बाधाएं लगाई गई होंगी. वे अंग्रेजों से एक कदम आगे निकल गए हैं. क्या आप किसानों को आतंकवादी मानते हैं? क्या 4 से 5 लेयर की बैरिकेडिंग की गई है? क्या वे गृह मंत्री से नहीं मिल सकते? यह राज्य में स्थिति को खराब करने का एक जानबूझकर प्रयास है.
बता दें इस साल के फरवरी महीने से ही किसान शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं. शुक्रवार (6 नवंबर) को किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली मार्च करने लगे. किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े. काफी हंगामा हुआ. इसके बाद किसानों ने आज के लिए दिल्ली चलो अभियान खत्म कर दिया. अब अगर शनिवार को किसानों के साथ सार्थक बात बनती है तो किसान वापस लौट सकते हैं. अगर बात नहीं बनी तो किसान एक बार फिर रविवार को दिल्ली चलो अभियान तेज कर सकते हैं.