नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने आज केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला और कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग तानाशाही से तंग आ चुके हैं उन्हें लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार की सख्त जरूरत है.
फारुक अब्दुल्ला ने भाजपा सरकार पर अगले साल मार्च तक जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की कवायद को पूरा करने के अपने वादे से मुकर जाने का आरोप लगाया और कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को ऐसी सरकार की जरूरत है जो उनके मुद्दों का समाधान कर सके.
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जम्मू-कश्मीर के बारे में भाजपा झूठ फैला रही
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घाटी के लोगों को अपनी सरकार की जरूरत
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तानाशाही से ऊब चुकी है जम्मू-कश्मीर की जनता
फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि मोदी सरकार ने प्रेस को सरकार के खिलाफ लिखने की आजादी नहीं दी है. उन्होंने एक कानून बनाये जाने की मांग की जिससे यह सुनिश्चित हो कि मीडिया सरकार से बिना डरे अपने काम कर सके.
फारुख अब्दुल्ला ने पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में कहा कि हमें यह बताया गया था कि जम्मू-कश्मीर में परिसीमन का काम 2022 मार्च तक पूरा कर लिया जायेगा, लेकिन अब सरकार ने संसद में कहा है कि परिसीमन के कार्य के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गयी है.
फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद परिसीमन की प्रक्रिया का हिस्सा हैं, लेकिन अब तक बैठक के लिए हमें आमंत्रित नहीं किया गया है और ना ही कोई रिपोर्ट ही पेश की गयी है. जम्मू-कश्मीर के लोग अपनी सरकार चाहते हैं, जिसे वे लोकतांत्रिक तरीके से चुन सकें.
जम्मू-कश्मीर की स्थिति खराब है, आतंकवादी सिर उठा रहे हैं, आम लोगों को निशाना बनाया जा रहा है, लेकिन भाजपा की सरकार कहती है कि जम्मू-कश्मीर में शांति है. उन्होंने कहा कि भाजपा जम्मू-कश्मीर के बारे में झूठी बातें फैला रही है, यहां के बहुत दुखी और परेशान हैं. जम्मू-कश्मीर के लोग तभी सुखी हो सकते हैं जबकि जम्मू-कश्मीर का संवैधानिक दर्जा फिर से बहाल हो जाये और आर्टिकल 370 को फिर से बहाल किया जाये.