अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार के गठन के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि तालिबान मानवाधिकारों का सम्मान करेगा और शरिया कानून के अनुसार देश चलायेगा. साथ ही सभी देशों के साथ मित्रतापूर्ण संबंध बनायेगा.
फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि तालिबान ने अफगानिस्तान पर पूरी तरह कब्जा कर लिया है. ऐसे में यह जरूरी है कि वे अपने देश की देखभाल करें और सभी के साथ न्याय करें. गौरतलब है कि तालिबान में सरकार गठन के बाद आज राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल रुस के एनएसए और अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के प्रमुख से इस मसले पर बात करने वाले हैं. भारत ने तालिबान को मान्यता देने के मसले पर अभी कुछ नहीं कहा है और अभी सरकार इंतजार कर रही है. ऐसे में फारुक अब्दुल्ला का यह बयान चौंकाने वाला है.
Also Read: तालिबान पर क्या है भारत की तैयारी! रूसी NSA से मिलेंगे अजीत डोभाल, CIA चीफ से भी हुई बात, जानें…
तालिबान को लेकर महबूबा मुफ्ती ने भी अपनी राय दी थी और केंद्र सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर जम्मू-कश्मीर के लोगों के सब्र का बांध टूटा तो उनका भी वहीं हाल होगा जैसा तालिबान ने अमेरिका का किया है.
Also Read: 36 करोड़ का इनामी आतंकी हक्कानी बना तालिबान का गृह मंत्री, भारतीय दूतावास समेत कई बड़े हमलों का है मास्टरमाइंड
नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने आज कहा कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाने और आर्टिकल 370 को लागू करवाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जब भी चुनाव होंगे उनकी पार्टी चुनावी मैदान में होगी. फारुक अब्दुल्ला पार्टी के संस्थापक और अपने पिता शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की 39वीं पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे.
Posted By : Rajneesh Anand