दूसरी बार ईडी के सामने पेश हुए फारूख अब्दुल्ला, जेकेसीए में रुपये गबन का है मामला
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूख अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) राज बाग क्षेत्र में स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ED) के दफ्तर पहुचे हैं. यहां पर उनसे 43 करोड़ रुपये की हेराफेरी मामले में पूछताछ की जायेगी. बता दे की यह तब का मामला है जब वो जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (JKCA) के अध्यक्ष थे. फारूक अब्दुल्ला एक हफ्ते में दूसरी बार बुधवार को प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए हैं.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूख अब्दुल्ला राज बाग क्षेत्र में स्थित प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर पहुचे हैं. यहां पर उनसे 43 करोड़ रुपये की हेराफेरी मामले में पूछताछ की जायेगी. बता दे की यह तब का मामला है जब वो जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष थे. फारूक अब्दुल्ला एक हफ्ते में दूसरी बार बुधवार को प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए हैं.
उनकी यह पेशी जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) में करोड़ों रुपये के कथित घोटाले और धनशोधन के मामले में पूछताछ के लिए हुई है. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री 83 वर्षीय अब्दुल्ला से इसी सिलसिले में 19 अक्टूबर को ईडी ने करीब छह घंटे तक पूछताछ की थी. अब्दुल्ला ने सोमवार को पूछताछ के बाद कहा था कि वह इससे चिंतित नहीं हैं और जांच में सहयोग करेंगे.
पिछली बार पूछताछ जम्मू-कश्मीर की नेशनल कांफ्रेस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) सहित मुख्य धारा की पार्टियों की अब्दुल्ला के घर हुई बैठक और ‘गुपकर घोषणपत्र‘ के लिए गठबंधन बनाने के फैसले के चार दिन बाद हुई थी. ईडी अधिकारियों ने बताया कि अब्दुल्ला का बयान धनशोधन निषेध कानून (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया जाएगा.
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उनसे पहली बार पिछले साल जुलाई में चंडीगढ़ में पूछताछ की गई थी. माना जा रहा है कि ईडी अब्दुल्ला से जेकेसीए के अध्यक्ष रहते हुए एसोसिएशन में हुई कथित धोखाधड़ी के दौरान उनकी भूमिका और फैसले के बारे में पूछताछ कर रहा है. ईडी ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मामला दर्ज किया है. सीबीआई ने जेकेसीए के पदाधिकारियों को आरोपी बनाया है जिनमें महासचिव मोहम्मद सलीम खान और पूर्व कोषाध्यक्ष अहसान अहमद मिर्जा शामिल हैं.
सीबीआई ने वर्ष 2018 में अब्दुल्ला, खान, मिर्जा के अलावा जेकेसीए के पूर्व कोषाध्यक्ष मीर मंजूर गजनफ्फर अली, पूर्व लेखाकार बशीर अहमद मिसगर और गुलजार अहमद बेग के खिलाफ जेकेसीए के कोष में करीब 43.69 करोड़ रुपये की कथित गड़बड़ी करने को लेकर आरोपपत्र दाखिल किया. यह राशि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने वर्ष 2002 से 2011 के बीच राज्य में क्रिकेट को प्रोत्साहित करने के लिए आवंटित की थी.
Posted By: Pawan Singh