गाड़ियों में अब फास्टैग बेहद जरूरी है. सरकार भी लगातार इसके महत्व का जिक्र कर रही है अब फास्टैग में मिनिमम बैलेंस रखने की बाध्यता खत्म कर दी गयी है. यह सुविधा निजी वाहन जिनमें कार,जीप औऱ वैन के लिए है इसमें कामर्शियल व्हीकल को शामिल नहीं किया गया है.
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI,एनएचएआई) ने फास्टैग देने वाले बैंक से कहा, सिक्योरिटी डिपॉजिट के अलावा कोई मिनिमम बैलेंस रखना अनिवार्य नहीं है. इसमें पहले बैंक कह रहे थे सिक्योरिटी डिपोजिट के अलावा मिनिमम बैलेंस रखना भी जरूरी है.
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यह फैसला लिया गया क्योंकि मिनिमम बैलेंस ना होने की वजह से टोल कट जाने के बाद भी बहस होती थी. पीछे आ रहे वाहनों की कतार भी लंबी हो जाती थी. अब सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया कि इसके लिए मिनिमम बैलेंस जरूरी नहीं है.
अब तबतक आप आराम से टोल गेट फास्टैग के साथ पार कर सकेंगे जबतक आपका बैलेंस निगेटिव नहीं हो जाता. अगर आपके पास मिनिमम बैलेंस नहीं है तो भी आप आराम से टोल गेट क्रास कर सकेंगे. फास्टैग अकाउंट निगेटिव क्यों नहीं हो जाए. यदि ग्राहक उसे रिचार्ज नहीं करता है तो निगेटिव अकाउंट की रकम बैंक सिक्योरिटी डिपॉजिट से वसूल कर सकता है.
फास्टैग को रिचार्ज करने के दो तरीके हैं. पहला यह कि जिस बैंक से आप फास्टैग खरीद रहे हैं, उसके द्वारा क्रिएट किए फास्टैग वॉलेट को अपने स्मार्टफोन में डाउनलोड कर लें और इंटरनेट बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से उसे रिचार्ज करें. वहीं, दूसरा यह कि आप इसे पेटीएम, फोनपे जैसे मोबाइल वॉलेट से रिचार्ज करें. इसके अलावा आप अमेजन पे और गूगल पे से भी रिचार्ज कर सकते हैं.
एक फास्टैग जारी होने की तारीख के बाद से 5 साल तक वैध होता है. वहीं, फास्टैग अकाउंट के लिए आप जो रिचार्ज करते हैं, उसकी कोई वैधता नहीं होती है और वह जब तक आपका फास्टैग वैध रहता है, तब तक रिचार्ज वॉलेट में एक्टिव रह सकता है.
Posted By – Pankaj Kumar Pathak