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लॉकडाउन के बीच लोग तरह-तरह की समस्या से जूझ रहे हैं
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बेटे की दवा लाने के लिए पिता ने साइकिल से तय की 300 किमी की दूरी, पुलिस की लाठी भी पड़ी
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लॉकडाउन की वजह से उन पर पुलिसकर्मी की लाठियां भी चलीं
Karnataka Lockdown : कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच लोग तरह-तरह की समस्या से जूझ रहे हैं. एक ऐसा ही वाकया कर्नाटक के मैसूर से सामने आया है. जी हां…यहां बेटे के लिए दवा लाने के लिए एक पिता साइकिल से 300 किलोमीटर की दूरी तय करता है और उसे जरा भी थ्कान का अहसास नहीं होता है.
दरअसल क्रोनिक न्यूरोलॉजिकल की समस्या से पीडित बेटे के लिए अपने घर से बेंगलुरु के निमहंस अस्पताल तक 300 किमी का सफर तय कर दवा लेकर गांव लौटे पिता के चेहरे पर जरा भी थकान का अहसास नहीं था. दवा लेकर वापस लौटे पिता ने कहा कि बेटे के चेहरे को देखकर उनकी सारी थकान दूर हो चुकी है.
बताया जा रहा है कि मैसूर जिले के टी. नरसीपुरा तालुक के कोप्पलु गांव के निवासी आनंद (45) कुली के रूप में काम कर अपने परिवार का भरन पोषण करते हैं. उनके बेटे का नाम भैरश है जिसका इलाज बेंगलुरु के निमहंस अस्पताल में चल रहा है. दवा बेटे के लिए बहुत जरूरी था क्योंकि इसके बीच उसका स्वास्थ्य स्थिर नहीं रहता….दवा नहीं मिलने पर बेटे की तबीयत खराब हो सकती थी.
खबरों की मानें तो आनंद हर 2 महीने पर बेंगलुरु से दवा अपने बेटे के लिए लाने का काम करते हैं. लेकिन लॉकडाउन की वजह से वह बाहर नहीं जा सके और दवा खत्म होने वाली थी. इसलिए पिता ने अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से गुहार लगाई…
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हालांकि, कोरोना संक्रमण के कारण किसी ने मदद के लिए हामी नहीं भरी…आनंद ने अपनी पुरानी साइकिल से ही दवा लाने का फैसला किया और निकल गया अपने गंतव्य के लिए….23 मई को वह घर से निकला और 26 मई की शाम को दवा लेकर अपने बेटे के पास पहुंचा.
लॉकडाउन की वजह से उन पर पुलिसकर्मी की लाठियां भी चलीं, लेकिन वे दिन-रात साइकिल चलाते रहे और उन्हें देखकर अस्पताल के कर्मचारी भी चकित हो उठे.
Posted By : Amitabh Kumar