ओमीक्रोन का खौफ, हर घर दस्तक अभियान को 31 दिसंबर तक के लिए बढ़ाया गया
ओमीक्रोन के खतरे के बाद सरकार यह चाहती है कि देश की सौ प्रतिशत वयस्क आबादी को वैक्सीन का पहला डोज लगा दिया जाये. साथ ही वैक्सीन के दूसरे डोज का बैकलॉग भी दूर किया जाये.
कोरोना वायरस के नये वैरिएंट ओमीक्रोन को लेकर सरकार ने सतर्कता बरतना शुरू कर दिया है और ‘हर घर दस्तक’ अभियान को 31 दिसंबर तक बढ़ाने का निर्णय लिया है. हर घर दस्तक अभियान के तहत घर-घर जाकर वैक्सीन लगाया जाता है, इस अभियान की शुरुआत केंद्र सरकार ने इसी माह की थी.
सौ प्रतिशत आबादी को सिंगल डोज लगाना लक्ष्य
ओमीक्रोन के खतरे के बाद सरकार यह चाहती है कि देश की सौ प्रतिशत वयस्क आबादी को वैक्सीन का पहला डोज लगा दिया जाये. साथ ही वैक्सीन के दूसरे डोज का बैकलॉग भी दूर किया जाये. हर घर दस्तक अभियान की शुरुआत तीन नवंबर को हुई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी.
हर घर दस्तक अभियान की शुरुआत तब की गयी थी जब सरकार ने समीक्षा बैठक में यह पाया था कि 12 राज्यों में वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी है. हर घर दस्तक अभियान को एक महीने के लिए शुरू किया गया था, लेकिन ओमीक्रोन के खतरे के बीच इसे 31 दिसंबर तक यानी एक और महीने तक के लिए बढ़ाया गया है.
No case of COVID19 variant #Omicron reported in India so far: Health Minister Dr Mansukh Mandaviya said in Rajya Sabha during Question Hour
Source: Sansad TV pic.twitter.com/89sFr7uij1
— ANI (@ANI) November 30, 2021
ओमीक्रोन का एक भी मामला देश में नहीं : मनसुख मंडाविया
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने आज कहा कि ओमीक्रोन अभी देश में नहीं पहुंचा है. अभी तक देश में कोरोना वायरस के इस वैरिएंट का कोई मामला सामने नहीं आया है. उन्होंने कहा कि ओमीक्रोन हमारे देश में दस्तक ना दे पाये, इसके लिए एहतियात बरतना बहुत जरूरी है.
आज केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्य सरकारों के साथ मीटिंग की और सतर्कता बरतने की अपील की. बैठक के दौरान, केंद्र ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को यह सलाह दी है कि वायरस के शीघ्र पहचान के लिए यह जरूरी है कि आरटी-पीसीआर और रैपिड एंटीजन टेस्ट को बढ़ाया जाये.
इस बीच केंद्र सरकार ने कोविड 19 गाइडलाइन को पूरे देश में 31 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है. साथ ही सभी इंटरनेशनल हवाई अड्डे पर यात्रियों की जांच में कड़ाई बरतने को कहा गया है. अभी तक देश में इस वैरिएंट का कोई मरीज नहीं मिला है.