Medical Fee Guidelines: नेशनल मेडिकल कमीशन (National Medical Commission) ने एक बड़ा फैसला लिया है. इसका लाभ मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों (Medical Students) को मिलेगा. एनएमसी ने कहा है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की 50 फीसदी सीटों की फीस (Medical College Fees) अब सरकारी मेडिकल कॉलेजों की फीस के बराबर ही होगी. यानी अब एमबीबीएस और पीजी स्टूडेंट्स, जो प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे हैं, उन्हें भी सरकारी मेडिकल कॉलेज की फीस के बराबर ही पैसा देना होगा.
नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने कहा है कि नेशनल मेडिकल कमीशन एक्ट 2019 (National Medical Commission Act 2019) के तहत आयोग निजी मेडिकल कॉलेजों की 50 फीसदी सीटों के लिए फीस (Medical Fees) और अन्य दिशा-निर्देश जारी करेगा. कमीशन ने कहा है कि इस एक्ट से शासित होने वाले सभी मेडिकल कॉलेजों पर उसके दिशा-निर्देश (Medical College Fees Guidelines) लागू होंगे.
न्यूज एजेंसी एएनआई की ओर से ट्वीट किये गये एनएमसी के मेमोरेंडरम (NMC Office Memorandum) के मुताबिक, केंद्र सरकार के आग्रह पर एमसीआई (Medical Council of India) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने फीस तय करने संबंधी गाइडलाइन तैयार किये हैं. बताया गया है कि 29 नवंबर 2019 को इस संबंध में एक एक्सपर्ट कमेटी (Expert Committee) का गठन किया गया था. इस कमेटी ने एमबीबीएस (MBBS) और पोस्ट ग्रेजुएट (Post Graduate) कोर्स की पढ़ाई की फीस को लेकर अपनी सिफारिशों पर लोगों से राय मांगी थी.
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एनएमसी ने 21 अक्टूबर 2021 को एक्सपर्ट कमेटी का पुनर्गठन किया. इस कमेटी ने 1800 लोगों के विचारों का अध्ययन किया और उसके आधार पर एक संशोधित ड्राफ्ट गाइडलाइन तैयार की. 29 दिसंबर 2021को एक्सपर्ट कमेटी की इन सिफारिशों को एनएमसी ने स्वीकार कर लिया.
Fees of 50% seats in private medical colleges will now be at par with Govt Medical colleges of a state/UT: National Medical Commission pic.twitter.com/d06vGiXR6b
— ANI (@ANI) February 5, 2022
एक्सपर्ट कमेटी ने जो सिफारिशें दी थीं, उसमें कहा गया था कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों और डीम्ड यूनिवर्सिटी की 50 फीसदी मेडिकल की सीटों की फीस उस राज्य या केंद्रशासित प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेज की फीस के बराबर ही होनी चाहिए. सरकारी कोटा से एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को इसका लाभ मिलेगा.
एनएमसी के ऑफिस मेमोरेंडम में कहा गया है कि कॉलेज की कुल 50 फीसदी सीटों की फीस सरकारी मेडिकल कॉलेजों के बराबर होगी. इसका लाभ सरकारी कोटा के तहत दाखिला लेने वालों को मिलेगा. अगर कोटा के तहत दाखिला लेने वाले स्टूडेंट्स की संख्या 50 फीसदी से कम रह जाती है, तो अन्य छात्रों को इसका लाभ दिया जायेगा.
Posted By: Mithilesh Jha