मध्यप्रदेश: खुशखबरी! नामीबिया से आई मादा चीता ने दिया 4 शावकों को जन्म, देखें वीडियो
भोपाल स्थित कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाई गयी सियाया नाम की मादा चीता ने 4 शावकों को जन्म दिया है, सभी बच्चे स्वस्थ और अच्छी स्थिति में बताये जा रहे हैं. पिछले साल सितंबर महीने में नामीबिया से आठ चीते भारत लाए गए थे. इन्हें पीएम मोदी ने अपने जन्मदिन 17 सितंबर को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था.
मध्य प्रदेश: भोपाल स्थित कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाई गयी सियाया नाम की मादा चीता ने 4 शावकों को जन्म दिया है, सभी बच्चे स्वस्थ और अच्छी स्थिति में बताये जा रहे हैं. वहीं इस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए संरक्षण परियोजना में शामिल अधिकारियों ने कहा कि शावकों का जन्म एक सकारात्मक संकेत है कि कुनो नेशनल पार्क में चीते अपने नए वातावरण में अच्छी तरह से समायोजित हो रहे हैं.
#WATCH | Union Cabinet Minister for Environment, Forest & Climate Change Bhupender Yadav shares a video of four cubs born to one of the cheetahs translocated to India on 17th September 2022. pic.twitter.com/pxaKaipqnM
— ANI (@ANI) March 29, 2023
पिछले साल कूनो नेशनल पार्क मे पीएम मोदी अपने जन्म दिन पर छोड़े थे 8 चीते
आपको बाताएं कि, पिछले साल सितंबर महीने में नामीबिया से आठ चीते भारत लाए गए थे. इन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन 17 सितंबर को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था. इनमें से एक मादा चीता की सोमवार को मौत हो गई. वह किडनी की बीमारी से पीड़ित थी. जानकारी के मुताबिक भारत लाए जाने से पहले ही उसे यह समस्या थी. जनवरी महीने में उसकी बीमारी के बारे में पता चलने के बाद विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उसका इलाज कर रही थी, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका. इसके बाद से भारत सरकार के प्रोजेक्ट चीता पर सवालिया निशान उठने लगे थे. इस बीच चार शावकों के जन्म से इस प्रोजेक्ट से संदेह के बादल हटेंगे. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने शावकों के जन्म पर खुशी जताई है.
1952 में भारत से विलुप्त हो गए थे चीते
आपको जानकारी दें कि, 1952 में चीता भारत से विलुप्त प्राय हो गया था. देश के आखिरी चीते की मृत्यु वर्तमान में छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में 1947 में हुई थी. 70 साल के बाद एक बार फिर दूसरे महाद्वीप से चीतों को लाकर भारत में संरक्षण देना भारत सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम का हिस्सा था.