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Fertilizers:सरकार ने किफायती कीमतों पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित की

रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण उत्पन्न वर्तमान भू-राजनीतिक स्थितियों के बावजूद सरकार ने किफायती कीमतों पर उर्वरकों की सुचारू उपलब्धता सुनिश्चित की है. साथ ही यह ध्यान रखा है कि किसानों को उर्वरकों की कमी न हो.

Fertilizers:रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण उत्पन्न भू-राजनीतिक परिस्थितियों के बावजूद सरकार ने आवश्यकता के आधार पर किसानों को उर्वरक उपलब्ध करा रही है. रबी फसलों के समय उर्वरकों की बढ़ी मांग के बावजूद सरकार की ओर से किसानों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. किसानों को उत्पादन लागत की परवाह किए बिना वैधानिक रूप से अधिसूचित अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर यूरिया उपलब्ध कराया जाता है. यूरिया के 45 किलोग्राम बैग का सब्सिडी वाला एमआरपी 242 रुपये प्रति बैग है (नीम कोटिंग और लागू करों के लिए शुल्क के अलावा).

यूरिया की खेत पर आपूर्ति की गई लागत और यूरिया इकाइयों द्वारा शुद्ध बाजार प्राप्ति के बीच का अंतर भारत सरकार द्वारा यूरिया निर्माण करने वाली कंपनियों या आयातकर्ता को सब्सिडी के रूप में दिया जाता है और उसी अनुरूप  सभी किसानों को सब्सिडी दरों पर यूरिया की आपूर्ति की जा रही है. केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में कहा कि  पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) के अतिरिक्त विशेष पैकेज प्रदान करके किफायती मूल्यों पर उर्वरकों की सुचारू उपलब्धता सुनिश्चित की है, ताकि उर्वरकों का अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) स्थिर रहे और बाजार में उतार-चढ़ाव को कम किया जा सके. सरकार ने रबी 2021-22 में दो बार, फिर खरीफ 2022, रबी 2022-23, खरीफ और रबी 2024 में एनबीएस दरों के अतिरिक्त विशेष/अतिरिक्त पैकेज प्रदान किए हैं। 

पोषक तत्व वाले उर्वरकों पर एनबीएस लागू 

पटेल ने कहा कि फॉस्फेटिक और पोटाशिक (पीएंडके) उर्वरकों के मामले में, सरकार ने अप्रैल.2010 से पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) नीति लागू की है. नीति के अंतर्गत, किसानों को उर्वरकों की उपलब्धता में सुधार करने के लिए, पोषक तत्व सामग्री यानी नाइट्रोजन (एन), फॉस्फोरस (पी), पोटेशियम (के) और सल्फर (एस) के आधार पर सब्सिडी वाले पीएंडके उर्वरकों पर निर्माता/आयातकर्ता को वार्षिक या अर्धवार्षिक आधार पर एक निश्चित राशि की सब्सिडी प्रदान की जाती है. 

पीएंडके उर्वरकों के आयात को नियंत्रण मुक्त कर दिया गया है और कंपनियां अपने व्यापार की गतिशीलता के अनुसार उर्वरक कच्चे माल, बिचौलियों और तैयार उर्वरकों का आयात/उत्पादन करने के लिए स्वतंत्र हैं. सरकार प्रमुख उर्वरकों और कच्चे माल के अंतरराष्ट्रीय मूल्यों पर नज़र रखती है यदि अगर कोई उतार-चढ़ाव हो तो, पीएंडके उर्वरकों के लिए एनबीएस दरों को सालाना या अर्धवार्षिक रूप से तय करते समय शामिल कर लिया जाता है. इसके साथ ही केंद्र सरकार उर्वरक संसाधन संपन्न देशों के साथ संपर्क करती है और भारत को उर्वरकों या कच्चे माल की आपूर्ति के लिए भारतीय उर्वरक कंपनियों और संसाधन संपन्न देशों के आपूर्तिकर्ताओं के बीच दीर्घकालिक समझौतों पर हस्ताक्षर करने की सुविधा प्रदान करती है.

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