कोरोना से जंग : बंगाल में 93 साल की महिला ने कोविड रिचर्स के लिए डोनेट की बॉडी, वायरस के प्रभाव को लेकर मिलेगी अहम जानकारी
Woman Donate Her Body For Covid Research देश में कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते मरीजों की संख्या चिंता का विषय बना हुआ है. कोरोना की दूसरी लहर के बीच अब तीसरे लहर की चर्चा भी जोर पकड़ रही है. वहीं, कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम को लेकर लगातार शोध किए जा रहे है. कोरोना के खिलाफ जंग में जीत हासिल करने के लिए आम लोग भी अपना योगदान देने में पीछे नहीं दिख रहे है. इसी कड़ी में बंगाल की 93 साल की एक महिला ने अपना शरीर कोविड रिचर्स के लिए डोनेट करने का निर्णय लिया है.
Woman Donate Her Body For Covid Research देश में कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते मरीजों की संख्या चिंता का विषय बना हुआ है. कोरोना की दूसरी लहर के बीच अब तीसरे लहर की चर्चा भी जोर पकड़ रही है. वहीं, कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम को लेकर लगातार शोध किए जा रहे है. कोरोना के खिलाफ जंग में जीत हासिल करने के लिए आम लोग भी अपना योगदान देने में पीछे नहीं दिख रहे है. इसी कड़ी में बंगाल की 93 साल की एक महिला ने अपना शरीर कोविड रिचर्स के लिए डोनेट करने का निर्णय लिया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कोलकाता की रहने वाली 93 साल की श्रमिक नेता ज्योत्सना बोस ने कोरोना वायरस के प्रभाव का पता लगाने के लिए अपना शरीर दान कर दिया है. कोविड रिचर्स के लिए अपना शरीर दान करने वाली ज्योत्सना बोस देश की पहली महिला बन गयी है. इस बारे में बंगाल के एक गैर सरकारी संगठन ने जानकारी देते हुए बताया कि ज्योत्सना बोस का शरीर कोविड रिचर्स में काम आयेगा और मानव शरीर पर कोरोना वायरस के पड़ने वाले प्रभाव के बारे में खुलासा हो सकेगा. ज्योत्सना बोस की पोती डॉ तिस्ता बसु ने बताया कि उन्हें कोलकाता के बेलियाघाट इलाके में स्थित एक अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. जहां दो दिन बाद उनका निधन हो गया.
बताया गया है कि कोविड रिचर्स के लिए अपना शरीर दान करने वाली ज्योत्सना बोस पश्चिम बंगाल में दूसरी व्यक्ति हैं. इससे पहले ब्रोजो रॉय ने अपना शरीर रिचर्स के लिए दान किया था. जानकारी के मुताबिक कोरोना से मौत के बाद उनके डेड बॉडी पोस्टमार्टम किया गया था. वहीं, कोरोना से पीड़ित डॉ विश्वजीत चक्रवर्ती का शव भी रिचर्स के लिये दान किया गया है.
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