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कंपनी कानून में संशोधन के लिये अध्यादेश लायेगी मोदी सरकार

सरकार कंपनी कानून के कुछ प्रावधानों के उल्लंघन को गैर-आपराधिक श्रेणी में डालने , भारतीय कंपनियों को विदेशी शेयर बाजारों में सीधी सूचीबद्धता की सुविधा देने तथा कारोबार सुगमता को और बढ़ाने वाले बदलाव के लिये कंपनी कानून में संशोधन करने को अध्यादेश लायेगी.

नयी दिल्ली : सरकार कंपनी कानून के कुछ प्रावधानों के उल्लंघन को गैर-आपराधिक श्रेणी में डालने , भारतीय कंपनियों को विदेशी शेयर बाजारों में सीधी सूचीबद्धता की सुविधा देने तथा कारोबार सुगमता को और बढ़ाने वाले बदलाव के लिये कंपनी कानून में संशोधन करने को अध्यादेश लायेगी.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यहां रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय कंपनियां अपनी प्रतिभूतियों को सीधे विदेशी शेयर बाजारों में सूचीबद्ध करा सकती हैं. उन्होंने इसे भारतीय कंपनियों के लिये एक बड़ा कदम बताया.

कंपनी अधिनियम, 2013 में संशोधन से संबंधित विधेयक संसद में लंबित है. इस अधिनियम का क्रियान्वयन कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के द्वारा किया जाता है. सीतारमण ने कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को राहत देने के 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की पांचवीं और अंतिम किस्त के उपायों की घोषणा करते हुए कहा कि कंपनी अधिनियम में संशोधन के लिये एक अध्यादेश लाया जायेगा.

सीतारमण के पास कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय का भी प्रभार है. उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के बारे में जानकारी देने में चूक, निदेशक मंडल की रिपोर्ट की अपर्याप्ता, शेयर बाजारों को सूचना देने में देरी, सालाना आम बैठक में देरी समेत कई प्रक्रियात्मक चूकें तथा मामूली तकनीकी दिक्कतें अब गैर-आपराधिक बनायी जायेंगी.

अर्थ दंड या हर्जाने के साथ समाधान योग्य उल्लंघनों में अधिकांश को आंतरिक न्याय निर्णय प्रक्रिया (आईएएम) के तहत रखा जायेगा. विभिन्न ऐसे समाधान योग्य उल्लंघनों के लिये क्षेत्रीय निदेशकों की शक्ति का विस्तार किया जायेगा. पहले अधिनियम की 18 धाराओं को इस व्यवस्था के तहत सुलटाया जाता था. अब ऐसी धाराओं की संख्या बढ़कर 58 हो जायेगी.

इसके अलावा सात समाधान योग्य अपराधों को एक साथ हटा दिया जायेगा. इनमें से पांच के लिये वैकल्पिक रूपरेखा की व्यवस्था होगी. मंत्री के अनुसार, यह संशोधन आपराधिक अदालतों और राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के पास लंबित मामलों की संख्या कम कर देगा.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मार्च में कंपनियों के कानून में 72 बदलावों को मंजूरी दी थी. ये बदलाव विभिन्न प्रावधानों को गैर-आपराधिक बनाये जाने तथा भारतीय कंपनियों को विदेशी शेयर बाजारों की सीधी पहुंच सुनिश्चित कराने पर केंद्रित थे.

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