Loading election data...

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कैसे कम होगी पेट्रोल – डीजल की कीमत

पेट्रोल की खुदरा कीमतें राजस्थान और मध्यप्रदेश में कुछ स्थानों पर 100 रुपये प्रति लीटर के ऊपर पहुंच चुकी हैं. इसी तरह डीजल की खुदरा कीमतों में करीब 56 प्रतिशत हिस्सा केंद्रीय व राज्यों के करों का है. सीतारमण ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल का भाव पिछले साल रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ जाने का लाभ उठाने के उद्देश्य से पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में रिकॉर्ड वृद्धि की थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 20, 2021 10:30 PM

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डीजल , पेट्रोल के भाव नयी ऊंचाइयों पर पहुंचने के खिलाफ उठ रही आवाजों के बीच शनिवार को कहा कि खुदरा कीमतों को तार्किक स्तर पर लाने के लिये केंद्र और राज्यों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है. भारत में पेट्रोल की खुदरा कीमत में करीब 60 प्रतिशत हिस्सा केंद्रीय व राज्यों के करों का है.

पिछले कुछ दिनों में पेट्रोल की खुदरा कीमतें राजस्थान और मध्यप्रदेश में कुछ स्थानों पर 100 रुपये प्रति लीटर के ऊपर पहुंच चुकी हैं. इसी तरह डीजल की खुदरा कीमतों में करीब 56 प्रतिशत हिस्सा केंद्रीय व राज्यों के करों का है. सीतारमण ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल का भाव पिछले साल रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ जाने का लाभ उठाने के उद्देश्य से पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में रिकॉर्ड वृद्धि की थी.

Also Read: केजरीवाल करेंगे कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों से मुलाकात

हालांकि अब जब देश में ईंधन की खुदरा कीमतें आसमान छू रही हैं, वह केंद्रीय उत्पाद शुल्क कम करने के बारे में कुछ नहीं कह रही हैं. वित्त मंत्री ने चेन्नई सिटीजन्स फोरम के द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में यहां लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यह एक बहुत ही विवादास्पद मुद्दा है. एक ऐसा मुद्दा जिसमें मूल्य (ईंधन) को कम करने के अलावा कोई भी उत्तर किसी को नहीं पचेगा.

मुझे पता है कि मैं एक ऐसे विषय पर बोल रही हूं, जिसके बारे में मैं कुछ भी कहूं, वास्तविकता बताने की कोई भी कोशिश कर लूं, ऐसा लगेगा कि मैं बातें बना रही हूं. मैं अपने जवाब से बच रही हूं. मैं अपने ऊपर से दोष को हटा रही हूं.” वित्त मंत्री ने कर संरचना को स्पष्ट करने का प्रयास किया और बताया कि ओपेक व सहयोगी देशों के द्वारा उत्पादन में कटौती करने से कैसे कच्चा तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें काफी बढ़ गयीं, जिसके कारण देश में ईंधन की खुदरा कीमतें भी बढ़ गयीं .

Also Read: एक बार फिर डराने लगा है कोरोना, इन राज्यों में प्रवेश के लिए दिखानी होगी कोरोना रिपोर्ट

हालांकि उन्होंने कहा कि इसका उत्तर पेट्रोल और डीजल को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाना हो सकता है, जो करों के ऊपर कर के असर को समाप्त करेगा और एकरूपता लायेगा. अभी केंद्र सरकार उत्पाद शुल्क की एक निश्चित दर वसूलती है, जबकि राज्य अलग-अलग दरों पर वैट शुल्क लगाते हैं.

Next Article

Exit mobile version