नई दिल्ली : दिल्ली समेत पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में दिवाली के मौके पर पटाखे जलाने पर लगे प्रतिबंध और प्रदूषण कम करने के लिए केजरीवाल सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद प्रकाश पर्व में लोगों ने जमकर पटाखे जलाए. लेकिन, अब पटाखों के धुएं से निकला प्रदूषण लोगों का दम निकाल रहा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली में पटाखों की बिक्री और उसके भंडारण पर रोक लगी हुई थी, लेकिन दिवाली के मौके पर यह रोक बेअसर साबित हुई. राष्ट्रीय राजधानी के लोगों के धुआंधार तरीके से पटाखे जलाने का ही नतीजा है कि वहां की हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो गई है. दिल्ली समेत एनसीआर के नोएडा, गाजियाबाद और गुड़गांव में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई काफी बढ़ गया है.
मीडिया की रिपोर्ट्स में इस बात का जिक्र किया जा रहा है कि दिवाली की रात दिल्ली-एनसीआर में धुआंधार तरीके से पटाखे जलाने की वजह से एक्यूआई अपने गंभीर स्तर को पार कर चुका है. आलम यह कि दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में दिवाली की रात एक्यूआई सबसे खतरनाक स्तर 999 के करीब पहुंच गया.
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली के आनंद विहार, शाहदरा, पटपड़गंज, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम और श्रीनिवासपुरी के इलाके में एक्यूआई का स्तर 999 तक पहुंच गया. वहीं, नोएडा के सेक्टर-116, सेक्टर-62, सेक्टर-1, गाजियाबाद के वसुंधरा, इंदिरापुरम में भी एक्यूआई का स्तर खतरनाक स्तर 999 को पार कर गया. इतना ही नहीं, शुक्रवार की सुबह भी दिल्ली और एनसीआर के ज्यादातर इलाकों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब है.
बता दें कि हवा की गुणवत्ता एक्यूआई के जरिए ही मापी जाती है, जिसमें अधिकतम स्तर 999 ही रिकॉर्ड किया जाता है. एक्यूआई में इससे अधिक का कोई विकल्प नहीं है. एक्यूआई 999 तक पहुंचने का मतलब हवा की गुणवत्ता सबसे खतरनाक स्तर तक पहुंच जाना है.
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मौसम वैज्ञानिकों की मानें, तो एक्यूआई में 400 से 500 के बीच तक अंक को पहुंच जाना ही खतरनाक माना जाता है, जबकि दिवाली में धुआंधार तरीके से पटाखे जलाए जाने की वजह से दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और गुड़गांव के ज्यादातर इलाकों में एक्यूआई 999 के सबसे खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है.