एयरफोर्स के बेड़े में जल्द शामिल होगा पहला एयरबस सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, जानें खासियत
एयरबस सी-295 एक मध्यम श्रेणी का सामरिक परिवहन विमान है, जिसे स्पेनिश एयरोस्पेस कंपनी सीएएसए ने डिजाइन किया है और इसी कंपनी ने इसका निर्माण भी किया था. अब सी-295 सामरिक परिवहन विमान का निर्माण स्पेन की कंपनी एयरबस करती है.
नई दिल्ली : भारतीय वायुसेना के बेड़े में सितंबर महीने के दौरान एयरबस सी-295 शामिल हो जाएगा. मुख्य रूप से यह सामरिक सैन्य परिवहन विमान है. समाचार एजेंसी भाषा की एक खबर के अनुसार, यूरोप में विमान बनाने वाली कंपनी एयरबस के एक अधिकारी ने गुरुवार को जानकारी दी है कि भारत को इस महीने अपना पहला एयरबस सी-295 सामरिक सैन्य परिवहन विमान मिलेगा. भारत की राजधानी दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एयरबस इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रेमी मैलार्ड ने कहा कि भारतीय वायु सेना को पहले सी-295 विमान की आपूर्ति इसी सितंबर महीने की जाएगी.
स्पेन के सेविले जाएंगे एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी
एयरबस की ओर से विमानन क्षेत्र के लिहाज से इंजीनियरों को ट्रेनिंग देने के लिए गतिशक्ति यूनिवर्सिटी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये जाने के बाद मैलार्ड ने भारतीय मीडिया से बातचीत की. उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी पहले सी-295 विमान को लेने के लिए स्पेन के सेविले जाएंगे. भारत ने सितंबर 2021 में 56 सी-295 सैन्य परिवहन विमान की आपूर्ति के लिए एयरबस के साथ समझौता किया था. समझौते के अनुसार, वड़ोदरा में एयरबस के साथ साझेदारी में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड की ओर स्थापित प्लांट में 40 विमान बनाए जाएंगे.
सामरिक परिवहन विमान है एयरबस सी-295
आपको बताते चलें कि एयरबस सी-295 एक मध्यम श्रेणी का सामरिक परिवहन विमान है, जिसे स्पेनिश एयरोस्पेस कंपनी सीएएसए ने डिजाइन किया है और इसी कंपनी ने इसका निर्माण भी किया था. अब सी-295 सामरिक परिवहन विमान का निर्माण स्पेन की कंपनी एयरबस करती है. सी-295 एक बहुमुखी और कुशल विमान है, जो 5-10 टन क्षमता के साथ कई अलग-अलग मिशनों को पूरा कर सकता है. यह 71 सैनिकों या 50 पैराट्रूपर्स को अपने साथ ले जाने में सक्षम है.
किसी भी हवाई पट्टी पर उतर सकता है सी-295
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, एयरबस सी-295 सामरिक परिवहन विमान को किसी भी तरह की हवाई पट्टी पर उतारा जा सकता है. इसका अर्थ है कि यह दुर्गम स्थानों तक सैनिकों को रसद और सहायता पहुंचाने में कामयाबी हासिल कर सकता है. इसे बनाने वाली कंपनी एयरबस का दावा है कि सी-295 दुनिया भर में सभी मौसमों में बहु-भूमिका संचालन कर सकता है. यह रेगिस्तान से लेकर समुद्री वातावरण तक और बेहद गर्म से लेकर बेहद ठंडे तापमान तक सभी मौसमों में युद्ध अभियानों में नियमित रूप से दिन-रात काम कर सकता है.
गुजरात के वडोदरा में टाटा के प्लांट में होगा उत्पादन
खबर यह भी है कि एयरबस और टाटा एडवांस सिस्टम लिमिटेड (टीएएसएल) गुजरात के वडोदरा में सी-295 विमान बनाना शुरू करेंगे. इन दोनों कंपनियों के बीच हुए समझौते के अनुसार, 16 विमानों का निर्माण सेविले में एयरबस के प्लांट में किया जाएगा और फिर 40 विमानों का निर्माण वडोदरा स्थित टाटा के प्लांट में किया जाएगा. फिलहाल, कुल 56 सी-295 सामरिक परिवहन विमानों का निर्माण किया जाएगा, जो भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल किए जाएंगे.
2025 तक 16 विमानों की आपूर्ति करेगी एयरबस
इसके साथ ही, भारत में एयरबस सी-295 का उत्पादन प्रति वर्ष 12 विमानों की दर से शुरू होगा. एयरबस और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स ने 2021 में 56 विमानों के लिए 21,935 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे. एयरबस सितंबर 2023 से अगस्त 2025 के बीच उड़ान भरने में सक्षम पहले 16 विमानों की आपूर्ति करेगा. बाकी के 40 विमानों को टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स (टीएएसएल) की ओर से सितंबर 2026 से 2031 के बीच प्रतिवर्ष आठ विमानों की दर से भारत में असेंबल किया जाएगा.
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सबसे पहले स्पेन के सेविले में उड़ान भरा था सी-295 विमान
भारत के लिए बने पहले एयरबस सी-295 विमान ने स्पेन के सेविले शहर में अपनी पहली उड़ान सफलतापूर्वक पूरी की. यह उड़ान 2023 की दूसरी छमाही तक विमान की डिलीवरी की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. भारत ने सितंबर 2021 में भारतीय वायुसेना के पुराने एवरो-748 विमानों को बदलने के लिए 56 सी-295 परिवहन विमान खरीदने के लिए एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ लगभग 21,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था. भारत में बनाया गया पहला विमान सितंबर 2026 में भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा.