Black Fungus In Bengal: पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस संकट के बीच ब्लैक फंगस ने भी तेजी से पैर फैलाना शुरू कर दिया है. इसी बीच सिलीगुड़ी जिले में ब्लैक फंगस से पहली मौत का मामला सामने आया है. जिले के प्रधाननगर निवासी गायत्री पासवान (50) की ब्लैक फंगस से मौत की पुष्टि हुई है. मृतक का इलाज उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में चल रहा था. तीन सप्ताह पहले ही मृतक गायत्री पासवान में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हुई थी.
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बताया जाता है कि कोरोना से ठीक होने के कुछ दिनों बाद उनमें म्यूकोरमाईकोसिस के लक्षण दिखाई दिए थे. उनकी आंखें, चेहरा, नाक सूज गई थी. चेहरे का रंग पीला पड़ रहा था. बाद में उन्हें उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान उनकी नाक की कोशिका सेल को जांच के लिए वीआरडीएलए भेजा गया था. इसकी रिपोर्ट 24 मई को पॉजिटिव आई थी. इसके बाद अगले दिन 25 मई को महिला का ऑपरेशन किया गया. इसके बाद महिला का क्रिटिकल केयर यूनिट में एडमिट करके इलाज किया जा रहा था. इलाज के दौरान बुधवार सुबह महिला की मौत हो गई.
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पश्चिम बंगाल में कोरोना संकट के बीच ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाईकोसिस) की बीमारी भी फैलने लगी है. अभी तक राज्य में कुल 26 मरीजों की पहचान हो चुकी है. जबकि, पश्चिम बंगाल में ब्लैक फंगस से मरने वालों की संख्या बढ़कर चार हो गई है. एक दिन पहले मंगलवार को भी कोलकाता मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. राज्य सरकार ने ब्लैक फंगस को महामारी की श्रेणी में डाला है. वहीं, ब्लैक फंगस को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने कमेटी भी बनाई है.