हिंसा के बीच मणिपुर से आयी अच्छी खबर, कारोबारियों को मिलेगी बड़ी सुविधा, पढ़ें डिटेल
तमाम बुरी खबरों के बीच मणिपुर से एक अच्छी खबर निकलकर सामने आ रही है. जी हां, खबर ऐसी आयी है कि इससे राज्य के कारोबारियों को बड़ी सुविधा मिल सकती है. साथ ही मणिपुर में कुछ ऐतिहासिक हुआ है.
Manipur News : मणिपुर में हुए हिंसा और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की घटनाओं से देश भर के लोग मर्माहित है. बीते दो महीनों में राज्य के कई ऐसी खबरें निकलकर सामने आई है जिससे देशभर के लोग चिंतित है. लोकसभा और राज्यसभा के मानसून सत्र के दौरान भी सदन में यह मामला गूंज रहा है. लेकिन, इन तमाम बुरी खबरों के बीच मणिपुर से एक अच्छी खबर निकलकर सामने आ रही है. जी हां, खबर है कि मणिपुर के तामेनलोंग जिले के खोंगसांग रेलवे स्टेशन पर सोमवार को पहली मालगाड़ी गुवाहाटी से पहुंची.
In a significant milestone, the first goods train loaded with essential commodities have been flagged off from Guwahati goods yard, bound for Khongsang Railway Station at Tamenglong. This marks a new era of faster and efficient connectivity for Manipur.
My heartfelt gratitude… pic.twitter.com/DYSPrMXl0R— N.Biren Singh (@NBirenSingh) July 23, 2023
हिंसा प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य के लिए आवश्यक वस्तुओं से भरी पहली मालगाड़ी भेजी
अधिकारियों ने इस मामले की जानकारी देते हुए कहा कि मणिपुर में मौजूदा कानून-व्यवस्था की स्थिति के कारण आवश्यक वस्तुओं की कमी को देखते हुए पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) ने राज्य के परिवहन विभाग के सहयोग से रविवार को हिंसा प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य के लिए आवश्यक वस्तुओं से भरी पहली मालगाड़ी भेजी. ऐसे में मणिपुर के कई लोगों के बीच इसके परिचालन से खुशी की लहर है.
Delighted to witness the momentous arrival of the inaugural goods train at Khongsang Railway Station today. This development heralds a plethora of opportunities for the people of Manipur, promising expedited transportation of goods and essential commodities.
— N.Biren Singh (@NBirenSingh) July 24, 2023
The seamless… pic.twitter.com/Exewu7mmJt
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने किया ट्वीट
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने भी जानकारी देते हुए ट्वीट किया है और लिखा कि खोंगसांग रेलवे स्टेशन पर आज पहली मालगाडी़ के महत्वपूर्ण आगमन को देखकर प्रसन्नता हुई. उन्होंने बताया कि इस विकास से मणिपुर के लोगों के लिए बहुत सारे अवसर पैदा होंगे और सामान एवं आवश्यक वस्तुओं का त्वरित ढुलाई सुलभ होगी. मुख्यमंत्री ने कहा, ”सामान की निर्बाध ढुलाई निस्संदेह औद्योगिकी विकास को उत्प्रेति करेगी, व्यापार को बढ़ाएगी और अंततः जीवन की समग्र गुणवत्ता में वृद्धि करेगी. इस महत्वपूर्ण पहल के माध्यम से राज्य की आर्थिक संभावनाओं को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभारी हूं.”
Also Read: मणिपुर मामले को लेकर हंगामे के बीच लोकसभा में पेश हुए ये विधेयक, जानें डिटेलजिरीबाम-इम्फाल नई लाइन परियोजना के तहत शुरुआत
खोंगसांग स्टेशन की 2022 में जिरीबाम-इम्फाल नई लाइन परियोजना के तहत शुरुआत की गयी थी. राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद 3 मई को रेल सेवा स्थगित कर दी गयी थी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर यात्रा के दौरान एक जून को बताया था कि कुछ ही दिनों में खोंगसांग में लोगों की आवाजाही और सामान की ढुलाई के लिए एक अस्थायी रेलवे स्टेशन का परिचालन आरंभ कर दिया जाएगा.
कारोबारियों की सुविधा के लिए एक विपणन निरीक्षक की नियुक्ति
एनएफआर के प्रमुख जनसंपर्क अधिकारी सब्यासाची डे ने कहा,” मणिपुर स्थित कारोबारियों की सुविधा के लिए एक विपणन निरीक्षक को विशेष रूप से नियुक्त किया गया है जिससे वो आसानी से रेलवे के माध्यम से सामान बुक कर सकेंगे. विपणन निरीक्षक कारोबारियों की समस्याओं के लिए 24 घंटे मौजूद रहेगा.”
मणिपुर के लिए डिब्बों को अलग-अलग बुक करने की अनुमति
जनसंपर्क अधिकारी ने कहा, “राज्य के लिए विशेष विचार के तहत, फिलहाल मणिपुर के लिए डिब्बों को अलग-अलग बुक करने की अनुमति दी गई है. पहले से ही, महाराष्ट्र से प्याज, पश्चिम बंगाल से आलू और असम से रोजमर्रा (एफएमसीजी) का सामान राज्य के लिए बुक किया जा चुका है.” उन्होंने बताया कि मौजूदा परिदृश्य में एनएफआर द्वारा की गई इस पहल से मणिपुर के लोगों को बड़ी मदद मिलने की उम्मीद है.
मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच संघर्ष
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. मणिपुर की आबादी में मैतेई समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि नगा और कुकी जैसे आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे पर्वतीय जिलों में रहते हैं.