देश में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट का खतरा बढ़ता जा रहा है, आज बंगाल से भी ओमिक्रॉन वैरिएंट का एक मरीज सामने आया है. बंगाल में ओमिक्रॉन का पहला मरीज एक सात साल का बच्चा है. यह जानकारी बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने दी है.
लाइवमिंट में छपी खबर के अनुसार यह बच्चा अपने माता-पिता के साथ हैदराबाद से मुर्शिदाबाद आया है. लेकिन बच्चे के माता-पिता की रिपोर्ट निगेटिव आयी है. बच्चे की रिपोर्ट हैदराबाद में पॉजिटिव आयी थी, उसके बाद वह बंगाल आया है.
इसके पहले दो विदेशी नागरिक तेलंगाना के हैदराबाद में कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित पाये गये थे. यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गयी है. पहला व्यक्ति कीनिया से लौटा है जो 24 साल का है जबकि दूसरा व्यक्ति सोमालिया से लौटा है. इस संबंध में जी श्रीनिवास राव ने जानकारी दी है.
ओमिक्रॉन संक्रमित दोनों व्यक्ति असिम्प्टोमैटिक हैं और दोनों में कोई लक्षण नहीं है. इन दोनों की रिपोर्ट जीनोम सिक्वेंसिंग के बाद आयी है. देश में अबतक ओमिक्रॉन वैरिएंट के 65 मामले आ चुके हैं. जिनमें से सबसे ज्यादा केस महाराष्ट्र में है, जहां 28 केस हैं. उसके बाद राजस्थान का स्थान है जहां 17 मामले हैं. दिल्ली में अबतक छह मामले आये हैं. अबतक देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट 10 राज्यों में फैल चुका है.
आज राज्यसभा में विभिन्न दलों के सदस्यों ने कोविड-19 के ओमिक्रॉन स्वरूप के मामलों को लेकर गहरी चिंता जताते हुए सुझाव दिया कि सरकार एवं समाज के स्तर पर पूरी सतर्कता बरते जाने के साथ ही कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए जारी दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाये.
नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कल एक कार्यक्रम में कहा था कि ओमिक्रॉन से निपटने के लिए हमें टीके को और उन्नत करना होगा, अभी जो टीका है वह ओमिक्रॉंन वैरिएंट पर बहुत प्रभावी नहीं है. कई एक्सपर्ट्स की राय यह है कि ओमिक्रॉंन से बच्चों पर खतरा ज्यादा है, क्योंकि उन्हें वैक्सीन नहीं लगा है. हालांकि अभी तक ओमिक्रॉन वैरिएंट के बहुत गंभीर लक्षण दिखाई नहीं दिये हैं.