भारतीय वायुसेना की पहली महिला अधिकारी का 96 वर्ष की उम्र में निधन
बेंगलुरु : भारतीय वायुसेना की पहली महिला अधिकारी विंग कमांडर विजयलक्ष्मी रमणन का निधन हो गया है. वह 96 साल की थीं. विजयलक्ष्मी रमणन वायुसेना में नौकरी करने के बाद साल 1979 में सेवानिवृत्त हो गयी थीं. उन्हें विशिष्ट सेवा पदक से 1977 में सम्मानित किया जा चुका है.
बेंगलुरु : भारतीय वायुसेना की पहली महिला अधिकारी विंग कमांडर विजयलक्ष्मी रमणन का निधन हो गया है. वह 96 साल की थीं. विजयलक्ष्मी रमणन वायुसेना में नौकरी करने के बाद साल 1979 में सेवानिवृत्त हो गयी थीं. उन्हें विशिष्ट सेवा पदक से 1977 में सम्मानित किया जा चुका है.
विजयलक्ष्मी रमणन के दामाद एसएलवी नारायण ने बताया कि डॉ विजयलक्ष्मी रमणन का रविवार को आयु संबंधी बीमारियों के कारण 96 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. उन्होंने अपनी बेटी के घर में अंतिम सांस ली.
जानकारी के मुताबिक, श्रीरंगपट्टनम में कावेरी नदी के तट पर विजयलक्ष्मी का अंतिम संस्कार मंगलवार को किया गया. उनके दामाद के मुताबिक, रविवार की रात करीब 08:50 बजे निद्रावस्था में ही उनका निधन हो गया.
विजयलक्ष्मी रमणन का जन्म फरवरी 1924 में हुआ था. मद्रास मेडिकल कॉलेज से उन्होंने 1943 में एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी. मेडिसिन के लिए बालफोर मेमोरियल मेडल और सर्जरी के लिए मद्रास विवि का पुरस्कार भी मिला था.
एमबीबीएस की डिग्री हासलि करने के बाद विजयलक्ष्मी रमणन ने प्रसूति और स्त्री रोग में एमडी की डिग्री ली. इसके बाद वह चेन्नई के एग्मोर मैटरनिटी अस्पताल में सहायक सर्जन के रूप में काम किया. इसके बाद अगस्त 1955 को सेना की मेडिकल कोर में शामिल हुई और उसी दिन उन्हें वायुसेना में स्थानांतरित कर दिया गया था.
वायुसेना के विभिन्न अस्पतालों में उन्होंने स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में काम किया. उन्होंने युद्धों के दौरान घायल हुए सैनिकों का भी इलाज किया. साथ ही प्रशासनिक दायित्वों का भी बखूबी अंजाम दिया.
विजयलक्ष्मी रमणन को साल 1971 में स्थायी कमीशन दिया गया. अगस्त 1972 में विंग कमांडर की रैंक के रूप में पदोन्नति मिली थी. पांच वर्ष बाद साल 1977 में उन्हें विशिष्ट सेवा पदक मिला था. 24 वर्षों तक वायुसेना की सेवा करने के बाद फरवरी 1979 में विजयलक्ष्मी रमणन सेवानिवृत्त हो गयी थीं.
विजयलक्ष्मी रमणन के दिवंगत पति केवी रमणन भी भारतीय वायुसेना के अधिकारी थे. साल 1971 में कैंसर के कारण उनका निधन हो गया था. उनके परिवार में एक पुत्र और एक पुत्री है. रमणन कर्नाटक संगीत में भी प्रशिक्षित थीं. उन्होंने बहुत ही कम उम्र में आकाशवाणी कलाकार के रूप में भी काम किया था.