फिच सोल्यूशंस, इंडिया रेटिंग्स ने घटाया भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान
नयी दिल्ली : साख तय करने और अन्य सेवाएं देने वाली एजेंसी फिच सोल्यूशंस ने सोमवार को अगले वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भारत की ग्रोथ रेट अनुमान को कम कर 4.6 प्रतिशत कर दिया है. कारोना महामारी के चलते निजी खपत कमजोर पड़ने और निवेश में कमी को देखते हुए एजेंसी ने यह कदम उठाया है. कोरोना का असर दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं पर देखा जा रहा है. फिच ने मंगलवार को समाप्त हो रहे चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर के 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है.
इस बीच, इंडिया रेटिंग्स ने भी अगले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान को कम कर 3.6 प्रतिशत कर दिया है. फिच सोल्यूशंस ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए वास्तविक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 4.6 रहने का अनुमान है जबकि पूर्व में इसके 5.4 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी थी. हमने 2019-20 में 4.9 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि अनुमान के जरिये जो नरमी की बात कही थी, वह अब दिख रही है. फिच ने कहा कि पिछले हफ्ते घोषित 1.70 लाख करोड़ रुपये के पैकेज के बावजूद आने वाले महीनों में निजी खपत में ग्रोथ प्रभावित होने की आशंका है. हालांकि, शुद्ध रूप से निर्यात योगदान अधिक होने और उच्च सरकारी खपत से कोरोना के अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने में मदद मिलनी चाहिए. जीडीपी गिरने का कारण1. निजी खपत में कमी 2. निवेश में गिरावट