असम में नक्सलियों ने तांडव मचाया है. असम के दीमा हसाओ जिले में गुरुवार की रात संदिग्ध उग्रवादियों ने सात ट्रकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की और फिर ट्रकों को आग लगा दिया. इस घटना में पांच लोगों की मौत हो गयी और एक घायल है. हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक पुलिस ने कहा कि रात करीब साढ़े आठ बजे हथियारबंद लोगों के एक समूह ने ट्रकों को रोका, जिनमें छह सीमेंट और एक कोयले से लदा था और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी.
दीमा हसाओ के पुलिस अधीक्षक जयंत सिंह ने कहा कि उग्रवादियों ने कई मिनट तक वाहनों पर गोलीबारी की और फिर उनमें आग लगा दी. इस घटना में पांच लोगों की मौत हो गई और एक घायल हो गया. ये सभी ट्रक के ड्राइवर और अप्रेंटिस हैं. अधिकारियों को हमले में डिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी (डीएनएलए) के शामिल होने का संदेह है. एक सीमेंट कारखाने के डीएनएलए की जबरन वसूली की मांगों को मानने से इनकार करने के कारण ऐसा होने का संदेह है.
सिंह ने कहा कि घटना के तुरंत बाद अतिरिक्त बल मौके पर पहुंची और घटना में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया है. अप्रैल 2019 में गठित, DNLA एक सशस्त्र संघर्ष के माध्यम से डिमासा समुदाय के लिए एक स्वतंत्र राष्ट्र की मांग कर रहा है. हाल के महीनों में, संगठन के सदस्य सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गये हैं या आत्मसमर्पण कर चुके हैं.
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दिमासा असम की स्वदेशी जनजातियों में से एक है. 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 142,413 दीमास दीमा हसाओ जिले में केंद्रित थे, जबकि अन्य पड़ोसी नागालैंड में रहते थे. DNLA जनजाति की संस्कृति, भाषा की रक्षा करने और डिमासा साम्राज्य को बहाल करने के लिए लड़ने का दावा करता है. जो इस क्षेत्र के सबसे पुराने में से एक है. दीमा हलम दाओगाह और ब्लैक विडो विद्रोही समूह पहले इस क्षेत्र में सक्रिय थे, लेकिन अब निष्क्रिय हो गये हैं.
Assam | Five people died after miscreants set ablaze seven trucks near Dismao village on Umrangso Lanka road in Dima Hasao last night; police investigation underway pic.twitter.com/7kCc4I9a6n
— ANI (@ANI) August 27, 2021
असम में संप्रभुता, एक अलग राज्य या एक स्वायत्त क्षेत्र की मांग करने वाले विभिन्न समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले सशस्त्र समूहों का इतिहास है. उनमें से कई जैसे नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड, यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (वार्ता समर्थक गुट) ने सशस्त्र संघर्ष छोड़ दिया है और केंद्र के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं.
Posted By: Amlesh Nandan.