मानसून की दस्तक के साथ ही देश के अधिकांश हिस्सों में बारिश शुरू हो गई. अब तो यह हालत है कि महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात, असम समेत कई राज्य बाढ़ का सामना कर रहे हैं. पानी से तरबतर होते लोगों के खेत और घर भी जलमग्न हो गये हैं. गुजरात में 63 और महाराष्ट्र में 83 लोगों की जान जा चुकी है. यहीं हालत असम, मध्यप्रदेश, आंध्र प्रदेश समेत कई और राज्यों का है. हर साल देश में यही देखने को मिलता है. बारिश के कारण बाढ़ आती है और बाढ़ का अधिकांश पानी नदी और नालों से बहकर समुद्र में चला जाता है. इस तरह वर्षा का पानी बर्बादी फैलाते हुए बर्बाद हो जाता है. ऐसे में अगर वाटर हार्वेस्टिंग के जरिए वर्षा के जल का संचयन किया जाये तो यह कई तरह से उपयोगी हो सकता है.
भारत दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा नदियों वाला देश हैं. लेकिन फिर भी गर्मी के दिनों में देश के अधिकांश लोग पानी की किल्लत से दो-चार होते हैं. हालांकि, ऐसे कई उपाय हैं जिसे अपनाकर पानी की कमी को दूर किया जा सकता है. उन्हीं में से एक है रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम. बता दें, भारत में वर्षा के दिनों में अच्छी बारिश होती है, ऐसे में अगर यहां हार्वेस्टिंग सिस्टम डेवलप किया जाये तो देश में जल संकट आएगा ही नहीं.
अंधाधुंध पेड़ों की कटाई और पर्यावरण दोहन के कारण धरती के जलस्तर में लगातार कमी हो रही है. या यूं कहें कि वाटर लेबल नीचे जा रहा है. इससे इतर हमारे देश में कई क्षेत्र हैं जहां अत्यधिक बारिश होती है और वर्षा के दिनों में बाढ़ की स्थिति बनी रहती है. ज्यादातर इलाकों में बाढ़ का पानी नदियों और नालों से बहकर समुद्र में मिल जाता है, या धरती में सूख जाता है. ऐसे में अगर वर्षा के पानी को हार्वेस्ट किया जाए तो पानी की कमी की समस्या को दूर किया जा सकता है.
क्या है रेन वाटर हार्वेस्टिंग: बारिश के पानी का कई तरह से उपयोग किया जा सकता है. इन्हीं तरीकों में से एक है रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम. दरअसल, रेनवॉटर हार्वेस्टिंग बारिश के पानी को जमा करने का एक तरीका है. इस जमा पानी का इस्तेमाल बाद में खेती के लिए किया जाता है. इसके लिए वर्षा के जल का संरक्षण किया जाता है. रेन वाटर हार्वेस्टिंग से वाटर लेवल बढ़ जाता हैं.
रेन हार्वेस्टिंग के फायदे: वर्षा के जल का संचय से कई तरह के फायदे होते हैं. सबसे बड़ी बात की इससे धरती का वाटर लेवल नीचे नहीं जाने पाता है. अन्य फायदों की बात करें तो वर्षा के संरक्षित जल का उपयोग व्यावसायिक कार्यों में किया जा सकता है. इस जल को घरेलू उपयोग में लाया जा सकता है. वर्षा का पानी बहकर समुद्र में जाता है तो उसकी खास उपयोगिता नहीं होती लेकिन अगर इसी पानी को जमीन के अंदर भेजा जाए तो जल स्तर को बढ़ाया जा सकता है.