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Assam Floods: असम में बाढ़ का कहर जारी, सिलचर में स्थिति गंभीर, मृतकों की कुल संख्या 108 हुई

असम की बराक घाटी का प्रवेश द्वार माने जाने वाले सिलचर के अधिकतर इलाके जलमग्न हैं. सिलचर में अतिरिक्त संसाधनों के साथ बचाव और राहत कार्यों में तेजी लाई गई है. अधिकारियों के मुताबिक राहत एवं बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ की आठ टीम को ईटानगर और भुवनेश्वर से लाया गया है.

असम में बाढ़ (Assam Floods) की स्थिति शुक्रवार को भी गंभीर बनी रही. राज्य के 45.34 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों के मुताबिक ब्रह्मपुत्र और बराक (Brahmaputra and Barak) नदियां अपनी सहायक नदियों के साथ उफान पर हैं. हालांकि, कुछ क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घटने लगा है. राज्य में बाढ़ के कारण बीते 24 घंटे में सात और लोगों की मौत हो जाने से इस आपदा में अब तक मरने वाले लोगों की कुल संख्या बढ़कर 108 हो गयी है. असम की बराक घाटी का प्रवेश द्वार माने जाने वाले सिलचर (Silchar) के अधिकतर इलाके जलमग्न हैं.

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राहत कार्य में लगी सेना की टीम

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) ने कहा कि उसने गंभीर रूप से प्रभावित जिलों और विशेष रूप से कछार जिले, जहां सिलचर स्थित है, में अतिरिक्त संसाधनों के साथ बचाव और राहत कार्यों में तेजी लाई गई है. अधिकारियों के मुताबिक राहत एवं बचाव कार्यों के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की आठ टीम को ईटानगर और भुवनेश्वर से लाया गया है, जिनमें कुल 207 कर्मी हैं. जबकि 120 सदस्यों वाली सेना की एक टीम दीमापुर से नौ नौकाओं के साथ सिलचर में बचाव अभियान के लिए भेजी गई है. इसके अतिरिक्त, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की दो टीम विमान के जरिए कछार के लिए भेजी गई है.

राज्य सरकार ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर

राज्य सरकार ने जिले में स्थिति की जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर- 0361-2237219, 9401044617 और 1079 सेवा शुरू की है. अधिकारियों के अनुसार लगभग तीन लाख लोगों को भोजन, स्वच्छ पेयजल और दवाओं की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि लगभग पूरा सिलचर शहर बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है. उन्होंने कहा कि प्रभावित इलाकों में भोजन के पैकेट, पानी की बोतलें और अन्य जरूरी वस्तुएं वायुसेना के हेलीकॉप्टर से गिराई जा रही हैं.

4 हजार से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित 

घाटी के तीन जिले – कछार, हैलाकांडी और करीमगंज – बराक और कुशियारा नदी के बढ़ते जलस्तर से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. बाढ़ के कारण सबसे अधिक प्रभावित जिला बारपेटा है जहां 10,32,561 लोगों पर इसका प्रभाव पड़ा हैं, इसके बाद कामरूप जिले में 4,29,166 लोग प्रभावित हुए हैं. लगातार भारी बारिश के कारण आई बाढ़ ने 103 राजस्व मंडलों और 4,536 गांवों को प्रभावित किया है.

इन जिलों में कटाव की सूचना

राज्य भर में 2 लाख से अधिक लोगों ने 759 राहत शिविरों में शरण ले रखी है. बाढ़ ने 173 सड़कों और 20 पुलों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया, जबकि बक्सा और दरांग जिलों में दो-दो तटबंध टूट गये हैं. बाढ़ के कारण 10,0869.7 हेक्टेयर का फसल क्षेत्र पानी में डूब गया है. बक्सा, बारपेटा, विश्वनाथ, बोंगाईगांव, चिरांग और धुबरी जिलों में बड़े पैमाने पर भूमि का कटाव होने की सूचना मिली है.

(इनपुट- भाषा)

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