25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के साथ रिश्ते सुधारने के दिए संकेत, जानें क्या कहा? 

India-China Relations: 2020 में गलवान घाटी में हुए घातक संघर्ष के बाद से भारत और चीन के बीच संबंधों में तनाव जारी है.

India-China Relations: गलवान घाटी संघर्ष के बाद से भारत और चीन के बीच रिश्तों में खटास आ गई है, जो अब तक सुधर नहीं पाई है. इस बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत ने चीन के साथ व्यापार के लिए अपने दरवाजे पूरी तरह बंद नहीं किए हैं, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि दोनों देश तय करें कि किन क्षेत्रों और किन शर्तों पर व्यापार किया जाएगा.

2020 में गलवान घाटी में हुए घातक संघर्ष के बाद से भारत और चीन के बीच संबंधों में तनाव जारी है. भारत ने चीनी कंपनियों के निवेश की जांच सख्त कर दी और कई प्रमुख परियोजनाओं को रोक दिया है. इसके बावजूद, हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित अन्य अधिकारियों ने अधिक चीनी निवेश को प्रोत्साहित करने की बात कही है. जुलाई में जारी एक वार्षिक आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, भारत अपने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को बढ़ाने की संभावनाओं पर विचार कर सकता है.

इसे भी पढ़ें: UP Police Answer Key 2024: आज जारी होगी यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा की आंसर-की, जानें कैसे देखेंगे अपना स्कोर 

बर्लिन में आयोजित एक सम्मेलन के दौरान, जयशंकर ने कहा, “भारत ने चीन के साथ व्यापार के लिए दरवाजे पूरी तरह बंद नहीं किए हैं. चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और एक प्रमुख निर्माता भी है. कोई भी देश यह नहीं कह सकता कि वह चीन के साथ व्यापार नहीं करेगा. सवाल यह है कि किन क्षेत्रों में और किन शर्तों पर व्यापार हो. यह मामला सिर्फ हां या ना का नहीं है, बल्कि इससे कहीं अधिक जटिल है.”

जयशंकर ने हाल के महीनों में चीन के साथ व्यापार और निवेश के संबंध में सतर्कता बरतने की आवश्यकता पर जोर दिया है. अगस्त में उन्होंने कहा था कि भारत के सामने एक “विशिष्ट चीन समस्या” है. इससे पहले मई में, उन्होंने भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में कहा था कि भारतीय कंपनियों को चीन के साथ व्यापार करते समय “राष्ट्रीय सुरक्षा फिल्टर” का इस्तेमाल करना चाहिए और स्थानीय स्रोतों से अधिक खरीद करनी चाहिए.

इसे भी पढ़ें: Weather Forecast: यूपी-बिहार-राजस्थान में भारी बारिश का अलर्ट, जानें अन्य राज्यों के मौसम का हाल

रॉयटर्स के अनुसार, भारत सौर पैनल और बैटरी निर्माण जैसे गैर-संवेदनशील क्षेत्रों में चीनी निवेश पर लगे प्रतिबंधों में ढील दे सकता है, क्योंकि इन क्षेत्रों में विशेषज्ञता की कमी घरेलू विनिर्माण को प्रभावित कर रही है. 2020 के बाद से भारत ने सभी चीनी नागरिकों के लिए निवेश जांच और वीजा पर सख्त प्रतिबंध लगाए थे. हालांकि, अब भारत चीनी तकनीशियनों के लिए वीजा नियमों को आसान बनाने पर विचार कर रहा है, क्योंकि इन प्रतिबंधों ने अरबों डॉलर के निवेश को प्रभावित किया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें