किसी विदेशी को मिलेगा ‘एयर इंडिया’ को उबारने का जिम्मा, टाटा संस ने शॉर्टलिस्ट किए नाम
भारी कर्ज में डूबी सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया(Air India) को टाटा ग्रुप( Tata Group) ने खरीद लिया है. इसके साथ ही अब एयर इंडिया की कमान जनवरी 2022 में टाटा को सौंपा जा सकता है. वहीं, खबरों की मानें तो एयर इंडिया(Air India) को उबारने का जिम्मा किसी विदेशी सीईओ(CEO) को मिलेगा.
एयर इंडिया(Air India) को नई रफ्तार देने के लिए किसी विदेशी सीईओ पर कमान सौंपा जा सकता है. खबरों की मानों तो टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया के सीईओ के लिए नामों को शॉर्टलिस्ट कर लिया है. वहीं, नए सीईओ की ये जिम्मेदारी होगी वो पूरी एयर इंडिया की मैनेजमेंट टीम को फाइनल करे. इसके अलावा एयर इंडिया(Air India) की मार्केटिंग और ब्रांडिंग के लिए भी एक टीम बनाई जाएगी. फिलहाल एयर इंडिया के नए बोर्ड के लिए सदस्यों के नामों को शॉर्टलिस्ट कर लिया गया है.
बता दें कि टाटा ग्रुप ने भारी कर्ज में डूबी सरकारी एयरलाइन कंपनी को एयर इंडिया(Air India) ने हाल ही खरीदा था. हालांकि अब जनवरी 2022 में इसकी कमान टाटा ग्रुप अपने हाथों में ले सकता है. वहीं, खबरों की मानें तो नए बोर्ड में टाटा संस की एमएंडए टीम के अधिकारी, समूह विमानन विशेषज्ञ और एक रिटायर्ड सरकारी अधिकारी के अलावा एक स्वतंत्र निदेशक शामिल होंगे. पंरपरा रही है कि टाटा संस का चेयरमैन ही सभी ऑपरेटिंग कंपनियों के चेयरमैन होते हैं. एयर इंडिया के मामले में भी ऐसा होने की पूरी संभावना है. सूत्रों के मुताबिक औपचारिक घोषणा जनवरी 2022 में होने की संभावना है. टाटा संस ने अब तक इसे लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है.
एक अधिकारी ने बताया कि ‘अगले साल जनवरी से टाटा एयर इंडिया(Air India) पर खर्च शुरु करेगी. इनमें कर्मचारियों की सैलरी, विमानों को नए सिरे से तैयार करने और क्वालिटी कंट्रोल का खर्च शामिल है.’ वहीं, मीडिया खबरों की मानें तो एयर इंडिया के बोर्ड के सदस्यों से इस्तीफा मांगा गया है. इसी महीने एयर इंडिया के बोर्ड की आखिरी बैठक भी होगी. बता दें 15 नवंबर को बोर्ड की बैठक में 7 सदस्यों से इस्तीफा मांगा गया था. जिनमें 4 फंक्शनल डायरेक्टर, 2 सरकारी नॉमिनी डायरेक्टर के अलावा चेयरमैन और सीएमडी शामिल हैं.
बता दें कि एयर इंडिया(Air India) की स्थापना 1932 में टाटा एयरलाइंस के रूप किया गया था. बाद में इसका राष्ट्रीयकरण हुआ था. हालांकि पिछले कुछ सालों से एयरलाइंस घाटे में चल रहा था. जिसे देखते हुए सरकार इसे बेचने की कोशिश में लगी थी. आखिर में एयरलाइन की घर वापसी हुई और टाटा संस के इसे खरीद लिया.