गलवान घाटी पर भारत चीन सैनिकों के बीच हुए हिंसक झड़प को लेकर पूर्व आर्मी चीफ और केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने गलवान घाटी को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है. एक निजी न्यूज चैनल से साक्षात्कार के दौरान उन्होंने बताया कि चीनी सौनिकों के कैंप में भड़की आग हिंसा का कारण बनी. चीनी कैंप में लगी आग के बाद भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई. पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि यह घटना तब घटी जब 15 जून की शाम भारतीय सैनिक चीनी सैनिकों की पॉजिशन देखने के लिए गये थे. जबकि उससे पहले भारत और चीन के बीच लेफ्टिनेंट लेवल की बातचीत में यह फैसला हुआ था कि सीमा के पास कोई भी सैनिक मौजूद नहीं रहेगा.
उन्होंने बताया कि 15 जून की शाम हमारे जवान चीनी सेना की पॉजिशन देखने गयेे थे कि वो पीछे हटे हैं या नहीं. जब भारतीय जवान वहं पहुंचे तो देखा की चीन के सभी सैनिक वापस नहीं गये हैं. वहां चीनी सौनिकों के टेंट मौजूद थे. फिर भारतीय सेना की ओर से कमांडर ने चीनी सैनिकों को टेंट हटाने के निर्देश दिये. जब चीनी सैनिक टेंट हटा रहे थे इस दौरान चीन के टेंटे में आग लग गयी. इस दौरान दोनो सैनिकों की झड़प हो गयी. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि झड़प में भारतीय जवान चीनी सैनिक पर भारी पड़े.
जनरल वी के सिंह ने बताया कि इस दौरान चीन के और जवान आ गये. इसके बाद हमारे भी जवान आ गये. इस दौरान अंधेरे में 500-600 जवानों के बीच झड़प हुई . इस दौरान चीन की तरफ से कई जवान हताहत हुए, पर चीन कभी अपने सैनिकों के मौत की बात स्वीकार नहीं करता है. डीबीओ में बनी सड़क से चीन में खलबली मची हुई है. उन्होंने कहा कि पेट्रोलिंग प्वाइट 14 के करीब चीनी सैनिकों ने टेंट लगाया था. जिससे भारतीय सड़क पर नजर रखी जा रही थी. पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि चीनी हमेशा अपने क्लेम लाइन को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाता है.
Posted By : Pawan Singh