नयी दिल्ली : पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) राजीव महर्षि ने अपने रिटायरमेंट से पहले बताया कि पाकिस्तान के साथ तनाव के कारण डिफेंस ऑडिट रिपोर्ट्स वेबसाइट पर अपलोड नहीं किये गये. उन्होंने इसकी वजह बतायी कि अगर ऑनलाइन रिपोर्ट उपलब्ध तो अमेरिका, चीन, पाकिस्तान में भी इसको कोई देख रहा होगा. उन्होंने साफ किया कि यह कोई सरकारी फैसला नहीं था, बल्कि उनका खुद का निर्णय था.
राजीव महर्षि ने संडे टाइम्स के साथ बातचीत में कहा, डिफेंस की रिपोर्ट को वेबसाइट में डालने का कोई मतलब नहीं है. विश्व में डिफेंस की रिपोर्ट हर किसी के लिए क्यों एक क्लिक पर उपलब्ध हो. उन्होंने आगे बताया, जब मैं गृह विभाग में था उस समय पाकिस्तान के साथ तनाव चल रहा था. उस समय कैग की रिपोर्ट आयी थी, जिसमें बताया गया था कि गोला-बारूद की कमी है. वैसे में हम अपनी कमी वाली रिपोर्ट को दुश्मनों के साथ कैसे साझा कर सकते हैं.
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू ने शनिवार को देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) का पद संभाल लिया.
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इससे पहले राष्ट्रपति भवन में मुर्मू ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के पद की शपथ ली. नये कैग के रूप में उनका कार्यकाल 20 नवंबर, 2024 तक है. उन्होंने शुक्रवार को सेवानिवृत्त हुए राजीव महर्षि का स्थान लिया. कैग एक संवैधानिक पद है जिसपर केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों के खातों की लेखापरीक्षा करने की प्राथमिक जिम्मेदारी है. कैग की लेखापरीक्षा रिपोर्टों को संसद और राज्य विधानसभाओं में पेश किया जाता है.
Posted By – Arbind Kumar Mishra