15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पूर्व CJI जस्टिस रंजन गोगोई ने किया दिल्ली अध्यादेश का समर्थन, राज्यसभा में कहा- दिल्ली सेवा बिल पूरी तरह सही

पूर्व सीजेआई जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि जहां तक न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच संबंध का सवाल है तो संविधान के अनुच्छेद 105, 121, 122 में इस बारे में स्पष्ट व्यवस्था है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार कहा जा सकता है कि सदन के सदस्यों को इस मुद्दे पर चर्चा करने का और अपने विचार रखने का अधिकार है.

राज्यसभा सांसद और भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने दिल्ली अध्यादेश का समर्थन किया है. उन्होंने आज यानी सोमवार को कहा कि दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण के लिए अध्यादेश को बदलने का विधेयक पूरी तरह से वैध है. उन्होंने कहा कि यदि कोई सदस्य इससे असहमत है तो उसे उनके हाल पर ही छोड़ देना चाहिए. पूर्व सीजेआई ने कहा कि यह बिल किसी के लिए सही हो सकती है तो किसी के लिए गलत भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि सदस्य पार्टी के हिसाब से अपना मत रखते हैं. राज्यसभा में मनोनीत सदस्य रंजन गोगोई ने कहा कि यह दिल्ली अध्यादेश का मामला सर्वोच्च अदालत में लंबित नहीं है, बल्कि जो लंबित है वह अध्यादेश की संवैधानिकता को लेकर है. उन्होंने कहा कि इस मामले का सदन में हो रही बहस से कोई सरोकार नहीं है.

सदन के सदस्यों को इस मुद्दे पर चर्चा करने का अधिकार
पूर्व सीजेआई जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि जहां तक न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच संबंध का सवाल है तो संविधान के अनुच्छेद 105, 121, 122 में इस बारे में स्पष्ट व्यवस्था है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार कहा जा सकता है कि सदन के सदस्यों को इस मुद्दे पर चर्चा करने का और अपने विचार रखने का अधिकार है. उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 239 एए में दी गई व्यवस्था के अनुसार, संसद के अधिकार पर सवाल नहीं उठाया जा सकता और न ही यह विधेयक संविधान के मूल ढांचे पर कोई आघात करता है. उन्होंने कहा कि इस अनुच्छेद को अदालत में चुनौती भी नहीं दी जा सकती.

संसद के पास केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कानून बनाने का पूरा अधिकार- पूर्व सीजेआई
पूर्व सीजेआई जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि केंद्र का अध्यादेश आज जिस स्थिति में है, उसे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अतिक्रमण कहीं से भी नहीं कहा जा सकता है. उन्होंने कहा कि संसद के पास दिल्ली जैसे केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कानून बनाने का पूरा अधिकार है. गौरतलब है कि मई महीने में केंद्र सरकार ने दिल्ली अध्यादेश को जारी किया गया था. बता दें,  केंद्र की ओर से सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटते हुए यह अध्यादेश लाया गया था. उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र प्रशासन में सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार के पास रहेगा.

लोकसभा से पहले ही पारित हो चुका है दिल्ली सेवा बिल
इससे पहले विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए बीजेपी के महेश जेठमलानी ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 239 एए में कहा गया है कि दिल्ली के पास अन्य केंद्र शासित प्रदेशों की तुलना में अधिक अधिकार हैं. उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद अपने आप में व्यापक है और यह दिल्ली के बारे में कानून बनाने का अधिकार संसद को देता है.  उन्होंने कहा कि यह विधेयक दिल्ली के दर्जे के बारे में बताता है और सेवाओं के तबादले से संबंधित है. बता दें, दिल्ली सेवा बिल पर राज्यसभा में जोरदार बहस हुई है. सत्ता पक्ष और विपक्ष ने बिल को लेकर अपनी-अपनी दलीलें दी हैं. इससे पहले यह बिल लोकसभा में पास हो चुका है.

अमित शाह ने पेश किया दिल्ली अध्यादेश बिल
सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में दिल्ली सेवा बिल पेश किया. इस बिल के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने व्हिप जारी किया था और अपने सभी सांसदों को मौजूद रहने के लिए कहा था. बहस के बाद दिल्ली सेवा बिल के पक्ष और विपक्ष में मतदान होगा. गौरतलब है कि लोकसभा ध्वनिमत से विधेयक पर मुहर लगा चुकी है. ऐसे में राज्यसभा विधेयक को पारित कर देती है, तो राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून बन जाएगा.

Also Read: Explainer: दो साल की सजा से लेकर 136 दिन बाद सदन में एंट्री! कितना बढ़ा राहुल गांधी का कद.. पढ़ें पूरी रिपोर्ट

कांग्रेस ने बिल पर किया तीखी प्रतिक्रिया
 राज्यसभा में दिल्ली सेवा विधेयक पर कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि बीजेपी का दृष्टिकोण किसी भी तरह से नियंत्रण करने का है. सिंघवी ने दिल्ली सेवा बिल को लेकर कहा कि यह विधेयक पूरी तरह से असंवैधानिक है, यह मौलिक रूप से अलोकतांत्रिक है, और यह दिल्ली के लोगों की क्षेत्रीय आवाज और आकांक्षाओं पर एक प्रत्यक्ष हमला है. यह संघवाद के सभी सिद्धांतों, सिविल सेवा जवाबदेही के सभी मानदंडों और विधानसभा-आधारित लोकतंत्र के सभी मॉडलों का उल्लंघन करता है.

भाषा इनपुट के साथ

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें