आंध्रप्रदेश के पूर्व सीएम किरण कुमार ने दिया कांग्रेस से इस्तीफा, थाम सकते हैं BJP का दामन
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो किरण कुमार रेड्डी बहुत जल्द बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. हालांकि न तो किरण कुमार की तरफ से न ही बीजेपी की ओर से इसकी कोई औपचारिक घोषणा की गई है. सूत्रों से जो खबर मिल रही है उसके मुताबिक किरण कुमार फिलहाल बीजेपी के आलाकमान की हामी का इंतजार कर रहे हैं.
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. कयास लगाए जा रहे हैं कि वो बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. हालांकि अभी तक किसी भी ओर से इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की गई है. लेकिन मीडिया रिपोर्ट और कयासों पर यकीन करें तो किरण कुमार बहुत जल्द बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से इस बात की चर्चा तेजी से हो रही थी कि किरण कुमार पार्टी से किनारा कर सकते हैं.
Former Andhra Pradesh CM Kiran Kumar Reddy resigns from the Indian National Congress party pic.twitter.com/0Sdlx0lUtH
— ANI (@ANI) March 12, 2023
बीजेपी में हो सकते हैं शामिल: मीडिया रिपोर्ट की मानें तो किरण कुमार रेड्डी बहुत जल्द बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. हालांकि न तो किरण कुमार की तरफ से न ही बीजेपी की ओर से इसकी कोई औपचारिक घोषणा की गई है. सूत्रों से जो खबर मिल रही है उसके मुताबिक किरण कुमार फिलहाल बीजेपी के आलाकमान की हामी का इंतजार कर रहे हैं. गौरतलब है कि अगले साल लोकसभा चुनाव हो रहा है ऐसे में किरण कुमार सरीखे बड़े नेता बीजेपी में शामिल होते हैं तो यह कांग्रेस के लिए झटके के समान होगा.
आंध्र प्रदेश के रह चुके हैं सीएम: गौरतलब है कि किरण कुमार का राजनीतिक करियर काफी लंबा है. वो आंध्र प्रदेश के सीएम भी रह चुके हैं. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बंटवारे के समय वो अविभाजित प्रदेश के सीएम रहे थे. 2010 को उन्होंने सीएम पद की शपथ ली थी. वहीं, केंद्र में यूपीए शासन काल में संयुक्त आंध्र प्रदेश के बंटवारे के बाद पार्टी से नाराज होकर उन्होंने साल 2014 में इस्तीफा दे दिया था.
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छोड़ दिया था कांग्रेस का दामन: सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कांग्रेस से भी किनारा कर लिया था. इसी साल उन्होंने कांग्रेस से इतर एक नई पार्टी का गठन किया था. उन्होंने जय समैक्स आंध्र पार्टी के नाम से एक क्षेत्रीय दल बनाया था. पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा भी खोला, लेकिन उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद राजनीति में कुछ साल चुप्पी साधने के बाद उन्होंने घर वापसी करते हुए फिर से कांग्रेस का दामन थाम लिया.