Former PM Manmohan Singh Passed Away: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और विश्वविख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया. अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया गया था. उनके निधन की जानकारीरॉबर्ट वाड्रा ने दी. बेहद शालीन व्यक्तित्व वाले मनमोहन सिंह को उनके योगदान के लिए याद किया जाता है. खासकर आर्थिक उदारीकरण (Economic Liberalisation) में उन्होंने सबसे अहम रोल निभाया. 1991 में नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने भारत में आर्थिक सुधारों की दिशा तय की. इसमें सरकारी नियंत्रण को घटाना. फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) को बढ़ावा देना, और स्ट्रक्चरल रिफॉर्म को लागू करना शामिल था. मनमोहन सिंह के इन कदमों ने हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था को वर्ल्ड लेवल पर प्रतिस्पर्धी बनाया.
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (NAREGA)
भारत सरकार द्वारा 2005 में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (NAREGA) लागू किया गया. इसका नाम बाद में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) किया गया. इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिर और पर्याप्त रोजगार प्रदान करना है, ताकि ग्रामीण इलाकों में गरीबी उन्मूलन और आर्थिक सुधार हो सके. इसके तहत न्यूनतम 100 दिन का रोजगार हर साल राज्य सरकार द्वारा सुनिश्चित किया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य बुनियादी ढांचे के निर्माण कार्यों (जैसे सड़क निर्माण, जल संरक्षण, वृक्षारोपण आदि) में शामिल करना होता है, ताकि साथ ही ग्रामीण विकास भी हो सके.
सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI)
मनमोहन सरकार ने 2005 में एक एक्ट पारित कर नागरिकों को सार्वजनिक प्राधिकरणों से जानकारी मांगने का अधिकार दिया. इसे सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) नाम दिया गया. इससे सरकार में बैठे लोगों के काम में पारदर्शिता आई और जवाबदेही भी तय हुई. बता दें कि सूचना का अधिकार अधिनियम भारतीय लोकतंत्र को सशक्त बनाने, सरकारी कामकाजी तरीके में सुधार और नागरिकों को अपनी सरकार से जानकारी लेने का अधिकार प्रदान करता है.
आधार की सुविधा
मनमोहन सिंह के कार्यकाल में ही आधार की शुरुआत की गई थी. 2009 में इसे बनाने के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) का गठन हुआ था. इसका मुख्य उद्देश्य भारत के नागरिकों को एक ऐसे पहचान प्रमाण पत्र की सुविधा देना था, जिसे आसानी से हर जगह इस्तेमाल किया जा सके. आज की तारीख में आधार कार्ड भारत के हर नागरिक के लिए एक अनिवार्य पहचान दस्तावेज बन गया है.इसे सरकारी और गैर-सरकारी कार्यों में बतौर पहचान पत्र इस्तेमाल किया जाता है.