प्रणब मुखर्जी की किताब पर क्यों हो रहा विवाद, क्या और बढ़ेगी कांग्रेस की समस्याएं!
Pranab Mukherjee Book Controversy And Congress News पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की किताब द प्रसिडेंशियल इयर्स अपने प्रकाशन से पहले ही सुर्खियों में है और इसको लेकर काफी विवाद पैदा हो चुका है. खास बात यह है कि प्रणब मुखर्जी के परिवार में भी इस किताब को लेकर दो मत हो गये हैं. इसी कड़ी में प्रणब मुखर्जी के दोनों बच्चे किताब के छपने को लेकर ट्विटर पर आपस में भिड़ गये हैं.
Pranab Mukherjee Book Controversy And Congress News पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की किताब द प्रसिडेंशियल इयर्स अपने प्रकाशन से पहले ही सुर्खियों में है और इसको लेकर काफी विवाद पैदा हो चुका है. खास बात यह है कि प्रणब मुखर्जी के परिवार में भी इस किताब को लेकर दो मत हो गये हैं. इसी कड़ी में प्रणब मुखर्जी के दोनों बच्चे किताब के छपने को लेकर ट्विटर पर आपस में भिड़ गये हैं.
प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने एक ओर जहां किताब छपने का विरोध करते हुए प्रकाशक को पत्र लिखा है. वहीं, दूसरी ओर बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने इस किताब के प्रकाशन को रोकने पर अपने भाई अभिजीत मुखर्जी के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है. जानकारी के मुताबिक, प्रणब मुखर्जी की ये किताब जनवरी 2021 में आने वाली है.
बता दें कि प्रणब मुखर्जी ने खुद इस किताब को लिखा है. मीडिया में छपी रिपोट्स के मुताबिक, किताब में प्रणब मुखर्जी ने इस बात का भी जिक्र किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का अपने कार्यकाल में ज्यादा वक्त यूपीए गठबंधन को बचाने में ही बीता. जिसका गलत प्रभाव सरकार के कामकाज पर पड़ा. माना जा रहा है कि प्रणब मुखर्जी की ये किताब कांग्रेस की समस्याएं और बढ़ा सकती हैं.
इन सबके बीच, प्रमुख न्यूज चैनल एनडीटीवी इंडिया के वेबसाइट पर छपी एक रिपोर्ट में वरिष्ठ पत्रकार वीर सांघवी ने प्रणब मुखर्जी की इस किताब को लेकर जारी विवाद पर टिप्पणी किया है. वीर सांघवी ने लिखा है, मुझे नहीं पता कि प्रणब मुखर्जी के बेटे का ऐसा क्यों मानना है कि उन्हें अपने पिता के संस्मरण को प्रकाशन से पहले जांचने-परखने का अधिकार है? माना जा रहा है कि बतौर कांग्रेसी, वह चिंतित हैं कि पुस्तक के कुछ हिस्से सोनिया गांधी को अपमानित कर सकते हैं और पार्टी के भीतर उनकी संभावनाएं प्रभावित हो सकती हैं.
वीर सांघवी के मुताबिक, दूसरी तरफ उनकी बहन शर्मिष्ठा ने भाई के अनुरोध का यह कहकर विरोध किया है कि यह पुस्तक उनके पिता की रचना है और उसमें जो भी विचार प्रकट किये गये हैं वह उनके अपने रहे हैं और उसे कोई सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए प्रकाशित होने से नहीं रोक सकता है.
प्रणब मुखर्जी की इस किताब को लेकर हो रहे विरोध पर सवाल खड़ा करते हुए वीर सांघवी कहते है कि ट्विटर पर बेटे-बेटी का झगड़ा और तमाशा देखकर प्रणब मुखर्जी को कैसा लगा होगा. उन्होंने कहा, आखिर इस पुस्तक ने कुछ कांग्रेसियों को चिंतित क्यों कर दिया है?
उल्लेखनीय है कि प्रकाशक द्वारा पिछले सप्ताह जारी किये गये पुस्तक के कुछ अंश के अनुसार, प्रणब मुखर्जी के संस्मरण में सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह दोनों की आलोचना की गयी है. साथ ही 2014 के आम चुनाव में कांग्रेस की हार के लिए दोनों नेताओं को आंशिक रूप से जिम्मेदार ठहराया गया है.
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Upload By Samir Kumar