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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं, अब भी वेंटिलेटर सपोर्ट पर

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को तबीयत बिगड़ने पर वेंटिलेटर पर रखा गया है. सेना के रिसर्च और रेफरल (आरएंडआर) अस्पताल में उनके ब्रेन की सर्जरी भी हुई. मस्तिष्क में बने खून के थक्के को हटाने के लिए उनकी सर्जरी की गयी है. इसके पहले उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की खबर भी सामने आई थी. खुद पूर्व राष्ट्रपति ने ट्वीट करके कोरोना संक्रमित होने की जानकारी दी थी. बताते चलें कि अस्वस्थ चल रहे प्रणब मुखर्जी डॉक्टरों की सलाह पर अस्पताल में भर्ती कराए गये थे. सर्जरी के पहले उनमें कोरोना वायरस का संक्रमण भी पाया गया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 11, 2020 7:39 PM

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को तबीयत बिगड़ने के बाद वेंटिलेटर पर रखा गया है. सेना के रिसर्च और रेफरल (आरएंडआर) अस्पताल में उनके ब्रेन की सर्जरी भी हुई. मस्तिष्क में बने खून के थक्के को हटाने के लिए सर्जरी की गयी है. इसके पहले उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की खबर भी सामने आई थी. खुद पूर्व राष्ट्रपति ने ट्वीट करके कोरोना संक्रमित होने की जानकारी दी थी. बताते चलें कि अस्वस्थ चल रहे प्रणब मुखर्जी डॉक्टरों की सलाह पर अस्पताल में भर्ती कराए गये थे. सर्जरी के पहले उनमें कोरोना वायरस का संक्रमण भी पाया गया था. आर्मी हॉस्पिटल ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब के स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं दिख रहा है. उन्होंने अब भी वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रणब मुखर्जी के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है. उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी से बात की. इस दौरान उनके पिता की तबीयत के बारे में जानकारी ली. राष्ट्रपति भवन ने ट्वीट करके बताया कि ‘राष्ट्रपति ने शर्मिष्ठा मुखर्जी से बात कर उनके पिता पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की तबीयत के बारे में जानकारी ली.’ पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का हाल जानने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सेना अस्पताल गये थे. राजनाथ सिंह ने पूर्व राष्ट्रपति के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. वो करीब 20 मिनट तक अस्पताल में रूके थे.

बताते चलें राष्ट्रपति बनने से पहले प्रणब मुखर्जी ने दमदार सियासी पारी खेली. भारतीय राजनीति में उन्हें काफी सम्मान दिया जाता है. यूपीए-2 के दौरान प्रणब मुखर्जी कांग्रेस पार्टी और सरकार के सबसे बड़े संकटमोचक के रूप में उभरे थे. प्रणब मुखर्जी के कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व की तीन पीढ़ियों के साथ काम किया. इसके साथ ही 2019 में नरेंद्र मोदी सरकार ने उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा था.

Posted By : Abhishek.

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