पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार को निधन हो गया. 84 साल की उम्र में प्रणब मखर्जी ने अंतिम सांस ली. आपको बता दें प्रणब मुखर्जी ने अपने जीवन में क्लर्क की नौकरी भी की थी. वैसे इन्होंने अपने कैरियर की शुरूआत कॉलेज प्राध्यापक के रूप में की, बाद में पत्रकारिता में भी हाथ आजमाया. प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसंबर 1935 को पश्चिम बंगाल के वीरभूमि जिले के किरनाहर के निकट मिटरी गाँव के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. इनके पिता कामदा किंकर मुखर्जी एक स्वतंत्रता सेनानी थे. जिन्होंने 10 वर्ष से अधिक जेल की सजा भी काटी थी. वे पश्चिम बंगाल की विधान परिषद में 1952 से 1964 तक सदस्य रहे और वीरभूमि जिला कांग्रेस कमेटी के सदस्य भी रह चुके थे. इनकी माता का नाम राजलक्ष्मी मुखर्जी था.
इतिहास और राजनीति के साथ- साथ कानून की डिग्री भी हासिल की
इन्होंने वीरभूमि के सूरी विद्यासागर कॉलेज से शिक्षा ग्रहण की. कलकत्ता विश्वविद्यालय से उन्होंने इतिहास और राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर के साथ साथ कानून की डिग्री हासिल की है. वे एक वकील और कॉलेज प्राध्यापक भी रह चुके हैं. उन्हें मानद डी.लिट उपाधि भी प्राप्त है. उन्होंने पहले एक कॉलेज प्राध्यापक के रूप में और बाद में एक पत्रकार के रूप में अपना करियर शुरू किया.
करियर के रूप में सबसे पहले इन्होंने 1963 ईo में विद्यानगर कॉलेज में राजनीति शास्त्र के प्राध्यापक के रूप में शुरुवात की. और बाद में पत्रकार के रूप में कार्य शुरु किया. इन्होंने पोस्ट एंड टेलीग्राफ ऑफिस में एक क्लर्क के तौर पर भी नौकरी की. इसके अतिरिक्त ये एक अच्छे वकील, ‘बंगाल साहित्य परिषद्‘ के ट्रस्टी और ‘अखिल भारत बंग साहित्य सम्मलेन‘ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
6 दशक तक के अपने राजनीतिक जीवन
इन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुवात 1969 ई में कांग्रेस की ओर से राज्यसभा सदस्य के रूप में की. इसके बाद 1975, 1981, 1993 और 1999 में फिर चुने गए. 1973 ई में औद्योगिक विकास विभाग में केंद्रीय उप-मंत्री के रूप में नियुक्त किये गए. 1997 ईo में इन्हें सर्वश्रेष्ठ सांसद चुना गया. 2004 में इन्होंने पहली बार लोकसभा की जंगीपुर ( पश्चिम बंगाल ) सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.
प्रणब मुखर्जी मनमोहन सिंह की सरकार में वित्त मंत्री थे. प्रणव जी भारत के आर्थिक मामलों, संसदीय कार्य, बुनियादी सुविधाएँ व् सुरक्षा समिति में वरिष्ठ नेता थे. उन्होंने विश्व व्यापार संघठन व् भारतीय विशिष्ठ पहचान प्राधिकरण क्षेत्र में भी कार्य किया था, मनमोहन सिंह की दूसरी सरकार में मुखर्जी भारत के वित्त मंत्री बने. इस पद पर वे पहले 1980 के दशक में भी काम कर चुके थे. 6 जुलाई 2009 को उन्होंने सरकार का वार्षिक बजट पेश किया. राजनैतिज्ञ के अलावा प्रणब जी एक बहुत अच्छे सामाजिक कार्यकर्त्ता भी है, वे हमेशा काम के प्रति वफादार और सक्षम प्रकति के रहे है.
भारत के 13 वें राष्ट्रपति थे प्रणब मुखर्जी
पी ए संगमा को 70% वोटों से हराकर 25 जुलाई 2012 को प्रणव मुखर्जी गणतंत्र भारत के 13 वें राष्ट्रपति बने. पी ए संगमा को 70% वोटों से हराकर 25 जुलाई 2012 को प्रणब मुखर्जी गणतंत्र भारत के 13 वें राष्ट्रपति बने. और इस पद पर अपने 5 वर्ष के कार्यकाल को पूरा कर 25 जुलाई 2017 को सेवानिवृत्त हुए. ये पहले बंगाली थे जो राष्ट्रपति बने.
7 पुस्तकें लिखी :
एमर्जिंग डायमेंशन्सऑफ इन्डियन इकॉनॉमी (1984)
ऑफ द ट्रैक (1987)
सागा ऑफ स्ट्रगल एंड सैक्रिफाइस (1992)
चैलेंजेस बिफोर द नेशन (1992)
थॉट्स एंड रिफ्लैक्शन्स (2014)
द ड्रामैटिक डेकेड: द इंदिरा गांधी ईयर्स (2014)
और
द ट्रबुलेंट ईयर्स – 1980-1996 (2016)
कई अवार्ड्स मिले
2007 में देश के दुसरे बड़े सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया.
2010 में प्रणव जी को एक रिसर्च के बाद ‘फाइनेंस मिनिस्टर ऑफ़ दी इयर फॉर एशिया’ के लिए अवार्ड दिया गया.
2011 में वोल्वरहैम्टन विश्वविद्यालय द्वारा प्रणव जी को डोक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया
2016 में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न दिया गया था.
Posted By: Shaurya Punj