कांग्रेस में घमासान के बीच अमित शाह से मिले कैप्टन अमरिंदर सिंह, क्या हैं इसके मायने
अगर कैप्टन अमरिंदर सिंह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो जाते हैं, तो पार्टी उन्हें राज्यसभा भेज सकती है. साथ ही उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में भी शामिल किया जा सकता है.
नयी दिल्ली: पंजाब में सत्ता की उठापटक और उसके बाद कांग्रेस में मचे घमासान के बीच पंजाब के सीएम पद से इस्तीफा दे चुके कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने उनके घर पहुंचे. इसके कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. टीवी मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो सकते हैं. उन्हें केंद्र में कृषि मंत्री बनाये जाने की संभावना भी व्यक्त की जा रही है.
सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि अगर कैप्टन अमरिंदर सिंह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो जाते हैं, तो पार्टी उन्हें राज्यसभा भेज सकती है. साथ ही उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में भी शामिल किया जा सकता है. उन्हें कृषि मंत्रालय सौंपे जाने की खबरें हैं. बीजेपी का मानना है कि अगर कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसा कद्दावर नेता भगवा दल में शामिल हो जाते हैं, तो पार्टी को पंजाब में बड़ा जनाधार वाला नेता मिल जायेगा.
#WATCH | Former Punjab CM and Congress leader Captain Amarinder Singh reaches the residence of Union Home Minister Amit Shah in New Delhi pic.twitter.com/787frIaou7
— ANI (@ANI) September 29, 2021
बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू के दबाव में कांग्रेस आलाकमान ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया था. कैप्टन के इस्तीफे के कुछ ही दिनों बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब सरकार के कई फैसलों पर सवाल खड़े करते हुए प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपनी शर्तों पर पंजाब प्रदेश कांग्रेस चलाने की कोशिश की और पार्टी आलाकमान पर दबाव भी बनाया.
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सूत्र यह भी बता रहे हैं कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व अब सिद्धू को मनाने के मूड में नहीं है. प्रियंका गांधी के राजनीतिक सलाहकार दिवाकर शास्त्री ने सिद्धू को पार्टी से निकालने की सलाह दी है. इससे पहले, पंजाब के नये चीफ मिनिस्टर चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा था कि सिद्धू को मना लेंगे और सभी लोग मिलकर काम करेंगे. पार्टी का मुखिया ही सर्वेसर्वा होता है. उनके सारे गिले-शिकवे दूर हो जायेंगे और सब मिलकर पंजाब की उन्नति के लिए काम करेंगे.
राहुल-सोनिया के खिलाफ मुखर हुए कांग्रेस नेता सिब्बल-आजाद
पंजाब में शुरू हुए घमासान के बीच राष्ट्रीय स्तर पर कई नेता कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ मुखर हो गये. सबसे पहले कपिल सिब्बल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जल्द से जल्द कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाने और अध्यक्ष का चुनाव कराने की मांग की. इसके ठीक बाद खबर आयी कि गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाने की मांग करते हुए एक चिट्ठी लिखी है.
उल्लेखनीय है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा देने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. साथ ही कहा था कि वह राजनीति में बने रहेंगे. चुनाव भी लड़ेंगे. उनके पास कई विकल्प हैं. अपने करीबी लोगों के साथ बातचीत करने के बाद वह अपना फैसला लेंगे. साथ ही कहा था कि सिद्धू को अगर पंजाब का सीएम बनाया गया, तो वह इसके खिलाफ बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे, क्योंकि वह सीमाई राज्य पंजाब के लिए खतरा हैं.
कैप्टन ने कहा था- सिद्धू राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन जायेगा
कैप्टन ने कहा था कि नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तान के पीएम इमरान खान और वहां के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा का दोस्त है. अगर ये सीएम बन जाता है, तो राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो जायेगा. बड़े पैमाने पर अभी ही सीमापार से हथियार और ड्रग्स भेजे जा रहे हैं. इमरान और बाजवा का यार जब पंजाब का सीएम बन जायेगा, तो सोचिए, उनके लिए भारत के खिलाफ साजिश रचना कितना आसान हो जायेगा.
Posted By: Mithilesh Jha