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कन्हैया लाल हत्याकांड: चार आरोपियों को अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में किया गया शिफ्ट, एनआईए ने मारे छापे

कन्हैया लाल हत्याकांड मामले में अदालत की ओर से चार आरोपियों को एक अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद बुधवार को उन्हें अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट कर दिया गया है.

जयपुर : राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल हत्याकांड से जुड़े चार आरोपियों को बुधवार को अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट कर दिया गया है. मंगलवार को अदालत ने इन चारों आरोपियों को एक अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया था. इसके साथ ही, इस हत्याकांड के सात आरोपियों को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के सामने पेश किया गया. एनआईए ने उदयपुर में कई स्थानों पर छापेमारी की.

एक अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेजे गए चारों आरोपी

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कन्हैया लाल हत्याकांड मामले में अदालत की ओर से चार आरोपियों को एक अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद बुधवार को उन्हें अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट कर दिया गया है. जिन आरोपियों को अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट किया गया है, उनमें मोहसिन, आसिफ, मोहम्मद मोहसिन और वसीम अली शामिल हैं. विशेष लोक अभियोजक टीपी शर्मा ने बताया कि अदालत ने कन्हैया लाल हत्याकांड में मुख्य आरोपी रियाज अख्तरी, गौस मोहम्मद और फरहाद मोहम्मद शेख को 16 जुलाई तक पुलिस रिमांड में भेजा है.

28 जून को कन्हैया लाल की हुई थी हत्या

बता दें कि टेलर कन्हैया लाल की 28 जून को उनकी दुकान के अंदर धारदार हथियार से वार कर हत्या कर दी गई थी. रियाज अख्तरी द्वारा किए गए भीषण हमले को गौस मोहम्मद ने एक फोन के जरिये रिकॉर्ड किया और वीडियो को ऑनलाइन पोस्ट किया था. दोनों ने बाद में एक वीडियो में कहा था कि उन्होंने इस्लाम के कथित अपमान का बदला लेने के लिए कन्हैया लाल की हत्या कर दी. इन दोनों को उसी दिन पकड़ लिया गया.

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मोहसिन और आसिफ पर साजिश रचने का आरोप

रियाज अख्तरी और गौस मोहम्मद के अलावा सुरक्षा एजेंसियों ने मोहसिन और आसिफ को पकड़ लिया, जिन पर पर जनता के बीच आतंक फैलाने की कथित साजिश का हिस्सा होने का आरोप है. दो अन्य आरोपी (मोहम्मद मोहसिन और वसीम) को बाद में कथित आपराधिक साजिश में शामिल होने और दर्जी की दुकान की रेकी करने में दो मुख्य आरोपियों की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. सूत्रों ने बताया कि मोहसिन की जगह का इस्तेमाल हत्या में प्रयुक्त हथियार की धार तेज करने के लिए किया गया और आसिफ ने दर्जी की दुकान की रेकी करने में मदद की थी. मामले में सबसे बाद में फरहाद मोहम्मद शेख को गिरफ्तार किया गया.

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