नोटबंदी के चार साल : राहुल बोले- अर्थव्यवस्था को बरबाद किया, पूंजीपतियों की मदद की, PM मोदी बोले…

नयी दिल्ली : नोटबंदी की चार साल होने पर सरकार और विपक्ष ने ट्वीट कर एक बार फिर एकदूसरे पर निशाना साधा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 8, 2020 6:33 PM

नयी दिल्ली : नोटबंदी की चार साल होने पर सरकार और विपक्ष ने ट्वीट कर एक बार फिर एकदूसरे पर निशाना साधा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नोटबंदी को लेकर रविवार को केंद्र सरकार की आलोचना की. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि नोटबंदी ने अर्थव्यवस्था को ‘बरबाद’ किया. वहीं, सत्ता के करीबी कुछ पूंजीपतियों की मदद की गयी. राहुल गांधी के ट्वीट के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि नोटबंदी से कालेधन को कम करने, आयकर अनुपालन और प्रक्रिया को औपचारिक रूप देने तथा पारदर्शिता बढाने में सहायता मिली. साथ ही कहा कि इन परिणामों से राष्‍ट्र की प्रगति को बहुत फायदा हुआ है.

जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नोटबंदी को लेकर रविवार को ट्वीट कर केंद्र सरकार की आलोचना की. साथ ही चार साल पहले नोटबंदी को लेकर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस कदम का मकसद कुछ ”उद्योगपति मित्रों” की मदद करना था. साथ ही कहा कि नोटबंदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को ”बरबाद” कर दिया.

कांग्रेस नेता ने ट्वीट कर कहा कि ”नोटबंदी प्रधानमंत्री की सोची समझी चाल थी, ताकि आम जनता के पैसे से ‘मोदी-मित्र’ पूंजीपतियों का लाखों करोड़ रुपय कर्ज माफ किया जा सके. गलतफहमी में मत रहिए- गलती हुई नहीं, जान-बूझ कर की गयी थी. इस राष्ट्रीय त्रासदी के चार साल पर आप भी अपनी आवाज बुलंद कीजिए.”

राहुल गांधी के ट्वीट के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि नोटबंदी से कालेधन को कम करने, आयकर अनुपालन और प्रक्रिया को औपचारिक रूप देने तथा पारदर्शिता बढ़ाने में सहायता मिली. मोदी ने ट्वीट कर कहा कि इन परिणामों से राष्‍ट्र की प्रगति को बहुत फायदा हुआ है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि, ”नोटबंदी ने ने कालेधन को कम करने, कर अनुपालन और औपचारिकता बढ़ाने और पारदर्शिता को बढ़ावा देने में मदद की है.” साथ ही कहा है कि, ”ये परिणाम देश की प्रगति के लिए बहुत फायदेमंद रहे हैं.”

प्रधानमंत्री ने ट्वीट के साथ ग्राफिक साझा कर बताया है कि किस तरह विमुद्रीकरण से कर जमा होने में वृद्धि हुई, कर तथा जीडीपी अनुपात बढ़ा. भारत अपेक्षाकृत कम नकदी आधारित अर्थव्यवस्था बना और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती मिली.

मालूम हो कि चार साल पहले आठ नवंबर, 2016 को प्रधानमंत्री ने राष्‍ट्र को संबोधन में भ्रष्‍टाचार और कालेधन के जाल को तोड़ने के लिए नोटबंदी की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि नोटबंदी से भ्रष्‍टाचार, कालेधन और जाली मुद्रा से लड़ाई में आम आदमी के हाथ मजबूत होंगे. घोषणा करने के साथ ही आठ नवंबर, 2016 की आधी रात से 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने की घोषणा करते हुए 500 और 2000 रुपये के नये नोट के चलन का एलान किया था.

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