Terror Threat From Afghanistan भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनिन ने अफगानिस्तान से आतंकी खतरे पर एएनआई से बातचीत के दौरान तालिबान पर भी बात की. इमैनुएल लेनिन ने कहा कि मेरे देश की एक स्थिति है. हम सरकार को नहीं, बल्कि राज्य को पहचानते हैं और यह इस बात पर निर्भर करेगा कि तालिबान हमारी मांगों को कैसे पूरा करता है. उन्होंने कहा कि अभी तक सही दिशा में आगे नहीं बढ़ पाया है.
फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनिन ने आगे कहा कि हम यूरोपीय संघ के साथ भी संबंध विकसित करना चाहते हैं. जैसा कि आपने देखा होगा कि यूरोपीय संघ ने इंडो-पैसिफिक रणनीति को अपनाया है. जिसकी घोषणा कुछ दिनों पहले की गई थी. जाहिर है कि फ्रांस इसके लिए बहुत जोर दे रहा है और हम ईयू की अध्यक्षता के दौरान इंडो-पैसिफिक को प्रमुख प्राथमिकता देंगे.
#WATCH | French Ambassador Emmanuel Lenain speaks to ANI on terror threat from Afghanistan, also speaks on Taliban. He says,"..My country has a position. We never recognise govt but State & it'll depend on how Taliban meets our demands. So far not moved in right direction at all" pic.twitter.com/OLwHvgWFHd
— ANI (@ANI) September 28, 2021
इंडो-पैसिफिक पर भारत-फ्रांस के रिश्तों को लेकर फ्रांसीसी राजदूत इमैनुएल लेनिन ने कहा कि साझेदारी की नींव विश्वास है. जब आप ऐसी नींव रखते हैं तो आप क्षेत्र में अपने सहयोग का विस्तार कर सकते हैं. हम बहुत सक्रिय रहे हैं. समुद्री सुरक्षा के लिए बहुत कुछ किया है. संयुक्त नौसेना अभ्यास किया है. हम और भी बहुत कुछ करने जा रहे हैं.
Quad-AUKUS पर फ्रांसीसी राजदूत पर इमैनुएल लेनिन ने कहा कि अगर मैं भारतीय अधिकारियों के बयानों को देखता हूं, तो सैन्य गठबंधन एयूकेयूएस एंड ब्रॉर्डर, राष्ट्रों के वैश्विक समूह-क्वाड के बीच अंतर है. क्वाड के साथ फ्रांस कैसे बातचीत करेगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि यह कैसे विकसित होता है. अभी हम क्वाड के काम करने के तरीके से सहज हैं. उन्होंने कहा कि हमें नहीं लगता कि गुटों का सैन्य टकराव का तर्क हमारी समस्या का समाधान है. हमें देशों के बीच अधिक साझेदारी के साथ एक व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता है. हमें क्षेत्र के कुछ देशों द्वारा धकेले गए आदेश के लिए एक विकल्प प्रदान करने की आवश्यकता है. हमें सकारात्मक एजेंडा की आवश्यकता है.
Also Read: कोरोना वायरस महामारी के चलते अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर लगी रोक 31 अक्टूबर तक बढ़ी