कोरोना संक्रमित के संपर्क में आने पर कोविड19 टेस्ट की जरूरत नहीं, ICMR की नयी एडवाइजरी पढ़ें
Covid19 की जांच पर ICMR ने नयी एडवाइजरी जारी की है. इसमें कहा गया है कि कोरोना संक्रमित के संपर्क में आने वाले हर व्यक्ति की कोरोना जांच जरूरी नहीं है. एडवाइजरी की खास बातें यहां पढ़ें...
Fresh Advisory For Testing COVID Samples: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कोरोना सैंपल की टेस्टिंग पर एक नयी एडवाइजरी जारी की है. इसमें कहा गया है कि कोरोना मरीजों के कॉन्टैक्ट में आने वाले उन्हीं लोगों की कोविड जांच करने की जरूरत है, जो हाई रिस्क वाले हों. यानी अगर कोरोना से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले व्यक्तियों की उम्र बहुत ज्यादा है या वे किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, तभी उनकी कोरोना जांच करने की जरूरत है. आईसीएमआर ने सोमवार को यह एडवाइजरी जारी की.
ICMR ने तीन पन्ने की एडवाइजरी जारी की है. इसमें पहले पन्ने पर बताया है कि किस तरह के मरीज के साथ क्या करना है. अगर घर में टेस्ट किया जा रहा है रैपिड एंटीजन टेस्ट करवाया गया है और उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है, तो उसकी जानकारी दें. अगर रिपोर्ट निगेटिव आयी है, तो देखना होगा कि मरीज में क्या-क्या लक्षण हैं. अगर सर्दी-खांसी, बुखार और गले में खराश है, तो निश्चित तौर पर उसका सैंपल फिर से टेस्टिंग के लिए भेजा जाना चाहिए. ऐसे लोगों के सैंपल की आरटीपीसीआर (RT-PCR) जांच करवायें. अस्पताल में भर्ती संक्रमित लोगों की सप्ताह में सिर्फ एक बार जांच की जायेगी.
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ऐसे लोगों की नहीं होगी कोरोना जांच
वैसे लोगों की कोरोना जांच नहीं होगी, जिनमें कोविड19 के कोई लक्षण नहीं हों. कोरोना संक्रमित के संपर्क में आने वाले सभी लोगों की भी जांच कराने की जरूरत नहीं है, जब तक कि वे हाई रिस्क जोन में न हों. यानी संपर्क में आने वाले व्यक्ति की उम्र बहुत ज्यादा हो अथवा वे किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हों. होम आईसोलेशन गाइडलाइन के अनुरूप डिस्चार्ज घोषित किये गये लोगों की भी कोरोना जांच कराने की जरूरत नहीं है. कोरोना के नये गाइडलाइन के तहत कोविड19 फैसिलिटी सेंटर से डिस्चार्ज किये गये लोगों के साथ-साथ वैसे लोगों की भी कोरोना जांच की आवश्यकता नहीं है, जिन्होंने देश में एक राज्य से दूसरे राज्य की यात्रा की है.
एडवाइजरी की खास बातें
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जांच सिर्फ आरटीपीसीआर (RT-PCR), ट्रूनेट (TruNat), सीबीनैट (CBNAAT), CRISPR, RT-LAMP, रैपिड मॉलिक्युलर सिस्टम या रैपिड एंटिजन टेस्ट (RAT) पद्धति से ही होगी.
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प्वाइंट ऑफ केयर टेस्ट (घर पर खुद से की गयी जांच/रैपिड एंटीजन टेस्ट) और मॉलिक्युलर टेस्ट के बाद फिर से जांच कराने की जरूरत नहीं होगी.
Posted By: Mithilesh Jha