नयी दिल्ली : नये कृषि कानून को निरस्त करने की मांग पर डटे किसान संगठनों के मुखिया ने सोमवार को भूख हड़ताल पर रहने का एलान किया है. मालूम हो कि तीन नये कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसान संगठन प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली आ रहे थे. उन्हें दिल्ली-हरियाणा सीमा के सिंघु बॉर्डर पर रोक दिया गया है.
कल सारे संगठनों के मुखिया सुबह 8 बजे से शाम पांच बजे तक एक दिन के लिए भूख हड़ताल रखेंगे: सिंघु बॉर्डर से किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी pic.twitter.com/0WryXbGMFH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 13, 2020
दिल्ली-हरियाणा सीमा के सिंघु बॉर्डर पर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने रविवार को कहा कि किसान संगठन कल (सोमवार को) सारे संगठनों के मुखिया सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक एक दिन के लिए भूख हड़ताल रखेंगे.
इधर, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने युवाओं को सतर्क रहने को कहा है. उन्होंने कहा है कि हमें नजर रखने की जरूरत है, ताकि कोई असामाजिक तत्व हमारे बीच ना हों. हमारे सभी युवाओं को सतर्क रहने की जरूरत है. अगर सरकार बात करना चाहती है, तो हम एक समिति गठित करेंगे और आगे का निर्णय लेंगे.
वहीं, बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने रविवार को कहा कि ”कछ वामपंथी संगठन है, जिनका एजेंडा किसान नहीं है, बल्कि कुछ और है. इन वामपंथी और माओवादी तरह के संगठनों से किसानों को बचना चाहिए और समझना चाहिए कि उनका अगर कोई हमदर्द है, तो वे नरेंद्र मोदी है. किसान बहुत मासूम है, किसी के जाल में ना फंसे.”
सिंघु बॉर्डर पर उत्तराखंड से आये किसान नेता जसबीर सिंह ने कहा कि ”एक विधायक दो बसें लेकर आये थे, जिनमें से 90 आदमी वो हैं, जिनका खेती से कोई लेना-देना नहीं है. ढूंढ़ कर सिख लोगों को लाया गया है. वो ये प्रूव करना चाहते हैं कि सिख हमारे साथ हैं.