पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों पर सियासी बवाल, पेट्रोलियम मंत्री का राहुल गांधी पर पलटवार, बोले- महाराष्ट्र, राजस्थान और पंजाब की सरकार तुरंत घटाएं टैक्स
Fuel Prices Rising In India देश में पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतों को लेकर सियासी बयानबाजी का सिलसिला तेज हो गया है. देश के कई शहरों में पेट्रोल सौ रुपये प्रति लीटर के पार चला गया है. लगातार बढ़ रहे पेट्रोल और डीजल के दामों को लेकर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के प्रमुख नेता मोदी सरकार पर हमलावर है. इस बीच, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को पेट्रोल-डीजल के कीमतें बढ़ने के कारणों का जिक्र करते हुए कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर पलटवार किया है.
Fuel Prices Rising In India देश में पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतों को लेकर सियासी बयानबाजी का सिलसिला तेज हो गया है. देश के कई शहरों में पेट्रोल सौ रुपये प्रति लीटर के पार चला गया है. लगातार बढ़ रहे पेट्रोल और डीजल के दामों को लेकर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के प्रमुख नेता मोदी सरकार पर हमलावर है. इस बीच, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को पेट्रोल-डीजल के कीमतें बढ़ने के कारणों का जिक्र करते हुए कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर पलटवार किया है.
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी निशाना साधते हुए कहा कि वे जवाब दें कि उनके शासित महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब में तेल महंगा क्यों है. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अगर राहुल गांधी को गरीबों की इतनी चिंता है, तो अपने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को आदेश दें, देश में महाराष्ट्र के टैक्स सबसे ज्यादा हैं, इसलिए मुंबई में तेल सबसे महंगा है.
दरअसल, धर्मेंद्र प्रधान से जब यह पूछा गया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी कह रहे हैं कि तेल के दाम बढ़ रहे हैं और केंद्र सरकार उस पर लगाम नहीं लगा पा रही है, तो केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी को पहले इस बारे में जवाब देना चाहिए कि उनके शासन वाले महाराष्ट्र, राजस्थान और पंजाब में तेल क्यों महंगा है. ऐसे गैर-जिम्मेदाराना बयान राहुल गांधी ही दे सकते हैं.
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे कांग्रेस शासित राज्यों को फ्यूल पर टैक्स में कटौती करनी चाहिए. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि क्या मध्य प्रदेश और कर्नाटक जैसे भाजपा शासित राज्य भी ऐसा ही करेंगे, जहां स्थानीय टैक्स की वजह से पेट्रोल का दाम सौ रुपये प्रति लीटर के पार चला गया है. इन सबके बीच, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्वीकार करते हुए कि तेल की बढ़ी कीमतें उपभोक्ताओं को दिक्कत देने वाली हैं. उन्होंने कहा कि भारत सरकार हो या राज्य सरकारें हों, कोरोना में लगभग 35 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का एक साल के अंदर टीका में खर्चा हो रहा है.
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि किसानों के खातों में रुपये ट्रांसफर किए गए हैं. एमएसपी बढ़ाने का एलान हुआ है. इन सारे खर्चों के अलावा देश में रोजगार सृजन के लिए, विकास के काम होने के लिए निवेश की जरूरत है. उनके मुताबिक मुश्किल समय में सरकार द्वारा जनकल्याण योजनाओं के लिए पैसों को बचाया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि पिछले छह हफ्तों में पेट्रोल 5.72 रुपये प्रति लीटर और डीजल 6.25 रुपये प्रति लीटर मंहगा हो गया है. अब बढ़ते दाम के लिए अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत को जिम्मेदार बताया जा रहा है.