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G 20 Summit: मुंबई जैसे हमले रोकने के लिए तैयार हैं दिल्ली के बड़े होटल, बना असलहों का स्पेशल गोदाम

बता दें कि G 20 समिट में दुनिया भर के तमाम बड़े नेता हिस्सा ले रहे हैं, ऐसे VVIP मूवमेंट में कैसे सुरक्षा रखनी है, उसको लेकर रिटायर सैन्य अफसरों ने अपनी राय दी है. ये राय मुंबई हमलों से जुड़े अनुभवों के आधार पर है और इस पर समिट में अमल होगा.

दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत G 20 Summit के लिए तैयार है. 9 और 10 सितंबर को नयी दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में इस शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. इसके लिए मेहमानों का पहुंचना शुरू हो चुका है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक 8 सितंबर को नई दिल्ली पहुंचेंगे. उनके स्वागत के साथ-साथ सेफ्टी के लिए दिल्ली के 5 Star होटलों में सुरक्षा बंदोबस्त चाक चौबंध किया गया है.

मुंबई हमले जैसे आतंकी हमले को रोकने के लिए विशेष तैयारी

हर होटल में असलहों के साथ गोला-बारूद का स्पेशल गोदाम बनाया गया है ताकि 26 नवंबर 2008 के मुंबई हमले जैसी किसी आंतकी वारदात को रोका जा सके. अगर समिट के दौरान आतंकी हमला होता है तो असलहा और गोला-बारूद की कमी दूर करने के लिए स्पेशल असलहा गोदाम बनाए गए हैं. ये इंतजाम इंटेलिजेंस एजेंसियों ने किए हैं.

इन स्टोर हाउसेज को बनाने के पीछे क्या है मकसद

इन स्टोर हाउसेज को बनाने के पीछे मकसद साफ है कि किसी अप्रत्याशित स्थिति में कमांडो के पास आतंकियों से लोहा लेने के लिए बुलेट और गोला-बारूद कम न पड़े. इन स्टोरों में लोडेड मैगजीन, मेडिकल सप्लाई, स्टन एंड स्मोक ग्रेनेड, वायरलेस सेट चार्जर के साथ-साथ कमांडो की पलटन भी बैक अप के लिए मौजूद रहेगी. टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि होटलों में असलहों का गोदाम और बैकअप का मकसद मुंबई हमले जैसी घटना की पुनरावृत्ति रोकना है. खुफिया के एक अफसर ने कहा कि मुंबई हमलों के दौरान कमांडो को असलहा और गोला-बारूद की कमी पड़ गई थी, जिससे आतंकियों को ज्यादा समय मिल गया था.

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रिटायर सैन्य अफसरों की राय के बाद असलहों के गोदाम बनाने की हुई तैयारी

बता दें कि G 20 समिट में दुनिया भर के तमाम बड़े नेता हिस्सा ले रहे हैं, ऐसे VVIP मूवमेंट में कैसे सुरक्षा रखनी है, उसको लेकर रिटायर सैन्य अफसरों ने अपनी राय दी है. ये राय मुंबई हमलों से जुड़े अनुभवों के आधार पर है और इस पर समिट में अमल होगा. अफसर ने बताया कि समिट में सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंध रखने की तैयारियां कई महीनों से चल रही है. इसी दौरान Lutyens’ Delhi में एक हाईलेवल मीटिंग हुई थी, जिसमें होटलों में असलहों के गोदाम के साथ बैकअप रखने की योजना बनी. मीटिंग में तय हुआ था कि होटलों में सुरक्षा के लिए कमांडो तैनात होंगे और किसी भी अनहोनी की स्थिति से निपटने के लिए उन्हें सभी सैन्य साजोसामान का बैकअप भी मुहैया कराया जाएगा.

आतंकी हमले की स्थिति में कमांडो के पास पहुंचते रहेंगे गोला-बारूद

यानि अगर कोई आतंकी हमला होता है तो सप्लाई टीम सुरक्षा में तैनाम कमांडो को बुलेट, गोला-बारूद आदि की मदद मुहैया कराते रहेंगे. उन्हें बुलेट या दूसरे सैन्य साजो सामान के खत्म होने पर भटकना नहीं पड़ेगा. इससे ऑपरेशन को बिना समय गंवाए पूरा करने में मदद मिलेगी.

सभी होटलों की छत पर ड्रोन तैनात

असलहों के गोदाम के साथ-साथ एंटी ड्रोन मेकेनिज्म भी प्लान में शामिल है. सभी होटलों की छत पर ड्रोन तैनात किए गए हैं, जो वहां के चप्पे-चप्पे पर कैमरे से नजर रखेंगे. प्रगति मैदान को समिट के दौरान No fly zone भी घोषित किया जा सकता है.

विदेशी सुरक्षा एजेंसियों के साथ-साथ IB और RAW अलर्ट

दिल्ली में करीब 16 बड़े होटल ऐसे हैं, जहां बड़े नेताओं के रुकने की व्यवस्था की गई है. इन होटलों की सुरक्षा व्यवस्था कैसी है, इसे लेकर कई मॉक ड्रिल हो चुकी हैं. हर होटल में कमांडर तैनात हैं, जो विदेशी सुरक्षा एजेंसियों के साथ-साथ IB और RAW के संपर्क में हैं.

कई राउंड के वेरिफिकेशन के बाद होटल में मिल रही एंट्री

होटल में वही घुस पा रहा है, जिसे आने-जाने की इजाजत है. होटल स्टाफ का वेरिफिकेशन कई राउंड में हो रहा है. होटलों के हरेक फ्लोर पर अलग-अलग स्टाफ तैनात किया गया है. पुलिस और सुरक्षा कर्मियों के लिए 3 कमरे हर होटल में बुक हैं. दो कमरों को सिक्योरिटी कंट्रोल रूम में बदल दिया गया है. इसका जिम्मा वेनू कमांडर संभाल रहे हैं.

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