12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

G20 Summit: चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भारत यात्रा पर मानचित्र विवाद का साया, भारत ने ड्रैगन को लताड़ा

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन पर दावा जताने वाले चीन के तथाकथित ‘मानक मानचित्र’ को खारिज करते हुए कहा कि सिर्फ बेतुके दावे करने से अन्य लोगों के क्षेत्र आपके नहीं हो जाते.

दिल्ली में जी20 समिट से पहले चीन ने नये विवाद को जन्म दे दिया है. बीजिंग ने सोमवार को ‘चीन के मानक मानचित्र’ का 2023 संस्करण जारी किया, जिसमें दावा किया गया कि अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन उसकी सीमा में हैं. हालांकि ड्रैगन को उसकी नापाक हरकत का भारत ने फौरन मुंहतोड़ जवाब दे दिया है.

चीनी राष्ट्रपति के भारत आगमन और जी20 समिट पर छाया रहेगा विवादित नक्शा मामला

दिल्ली में होने वाली जी 20 बैठक में हिस्सा लेने के लिए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग आ सकते हैं. लेकिन जी20 बैठक में चीन के विवादित नक्शा मुद्दे छाया रहेगा. इसकी पूरी संभावना व्यक्त की जा रही है. चीन द्वारा मानचित्र जारी करने का समय गंभीर प्रश्न को जन्म देता है. क्या राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारतीय राजधानी में जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के इच्छुक हैं या उनकी कोई अन्य योजना है. मालूम हो चीन हर साल मानक मानचित्र जारी करता है लेकिन यह पहली बार है कि भारत ने मध्य साम्राज्य के क्षेत्रीय दावों को खारिज करते हुए बीजिंग के समक्ष गंभीर विरोध दर्ज कराया है. बड़ा सवाल यह है कि बीजिंग ने तथाकथित मानक मानचित्र क्यों जारी किया और इसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से अपने प्रचार माध्यमों से प्रचारित करवाया? इसका उत्तर जोहान्सबर्ग में हाल ही में संपन्न ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में निहित है, जहां प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शिखर सम्मेलन के नेताओं के लाउंज में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ एक संक्षिप्त बातचीत की थी. समझा जाता है कि चीन शिखर सम्मेलन से इतर भारत के साथ द्विपक्षीय बैठक करना चाहता था और पूर्वी लद्दाख में देपसांग बुल्गे और डेमचोक की लंबित समस्याओं पर एक इंच भी पीछे हटे बिना संबंधों को सामान्य बनाने पर जोर देना चाहता था. पीएम मोदी के शेड्यूल की बाधाओं को देखते हुए दोनों नेताओं के बीच औपचारिक मुलाकात नहीं हो सकी और यह केवल संक्षिप्त बातचीत तक ही सीमित रही. संक्षिप्त बातचीत के दौरान भी पीएम मोदी ने सीमा मुद्दे पर अपनी चिंता जताई.

भारत ने चीन के दावे को किया खारिज

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन पर दावा जताने वाले चीन के तथाकथित ‘मानक मानचित्र’ को खारिज करते हुए कहा कि सिर्फ बेतुके दावे करने से अन्य लोगों के क्षेत्र आपके नहीं हो जाते. उन्होंने कहा कि बीजिंग ने पहले भी उन क्षेत्रों पर दावा करते हुए ऐसे नक्शे जारी किए थे, जो उसके नहीं हैं और यह चीन की पुरानी आदत है. जयशंकर ने कहा, यह कोई नयी बात नहीं है. इसकी शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी. इसलिए भारत के कुछ क्षेत्रों पर अपना दावा करने वाला मानचित्र पेश करने से मुझे लगता है कि इससे कुछ नहीं बदलता. ये भारत का हिस्सा हैं. हम बहुत स्पष्ट हैं कि हमारे क्षेत्र कहां तक हैं. यह सरकार इस बारे में बहुत स्पष्ट है कि हमें अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए क्या करने की जरूरत है. आप इसे हमारी सीमाओं पर देख सकते हैं. मुझे लगता है कि इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए. भारत ने मंगलवार को मानचित्र मुद्दे पर चीन के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया और कहा कि चीनी पक्ष के ऐसे कदम सीमा से जुड़े विषय को केवल जटिल ही बनायेंगे.

Also Read: राहुल गांधी का दावा चीन ने हड़प ली भारत की जमीन, प्रधानमंत्री पर लगाया झूठ बोलने का आरोप

क्या है नक्श विवाद

गौरतलब है कि बीजिंग ने सोमवार को ‘चीन के मानक मानचित्र’ का 2023 संस्करण जारी किया, जिसमें दावा किया गया कि अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन उसकी सीमा में हैं. इस मानचित्र में दक्षिण चीन सागर को कवर करने वाली तथाकथित नाइन-डैश लाइन को भी चीन के हिस्से के रूप में दिखाया गया है जैसा कि इसके पिछले संस्करणों में दिखाया गया था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें