जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत पूरी तरह तैयार है. शनिवार को जब दुनिया के 20 शक्तिशाली देशों के राष्ट्राध्यक्ष नयी दिल्ली में एक मंच पर जुटेंगे, तो पूरा विश्व भारत की ओर एक उम्मीद भरी निगाहों से देख उठेगा. जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी दुनिया में भारत के बढ़ते रुतबे की निशानी है. हाल ही में ब्रिटेन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में जगह बनाने वाले भारत में दुनिया के कई देश बेझिझक कारोबार के अवसर तलाश रहे हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते दुनियाभर में ऊर्जा और खाद्य संकट खड़ा हो चुका है. दुनिया के तमाम देशों पर मंदी का साया मंडरा रहा है. अमेरिका, ब्रिटेन और चीन भी हांफ रहे हैं. वहीं, भारत की अर्थव्यवस्था पटरी पर है.
एसबीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, 2029 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेगा. 2027 तक उसके जर्मनी और 2029 तक जापान से आगे निकल जाने का अनुमान है. आज पूरी दुनिया भारत के महत्व को समझती है. दुनिया जानती है कि भारत जो कहता है, वह करता है. इसकी वजह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व है. आज भारत की नीतियों में स्पष्टता और पारदर्शिता है. एक तरफ भारत के सामने जी-20 के लक्ष्यों को हासिल करने की चुनौती होगी, तो दूसरी तरफ रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म कराने के लिए पहल करने की होगी. इस पर सभी की निगाहें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिकी हुई हैं.
-40 लाख स्क्वायर फीट क्षेत्रफल में बना है भारत मंडपम्
-12 एग्जिबिशन हॉल, 13000 लोग बैठ सकेंगे एकसाथ
-26 पैनल की डिजिटल दीवार बनायी गयी है भारत मंडपम् में
-पैनल में टच स्क्रीन, 16 भाषाओं में ऑडियो, वीडियो व टेक्स्ट
-पैनल पर दिखायी जायेगी भारतीय लोकतंत्र की कहानी
-वैदिक काल से 2019 के चुनावों तक की यात्रा का प्रदर्शन
-7000 साल पुरानी डांसिंग गर्ल की मूर्ति भी दिखायी जायेगी
-महिला सशक्तीकरण
-डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर
-वैश्विक अर्थव्यवस्था
-वैश्विक खाद्य सुरक्षा
-आर्थिक अपराध
-कृषि और स्वास्थ्य
-संस्कृति और पर्यटन
-पर्यावरण संतुलन
-85% योगदान दुनिया की जीडीपी में
-75% हिस्सेदारी अंतरराष्ट्रीय व्यापार में
-60% भागीदारी विश्व की जनसंख्या में
-80% सहयोग दुनिया के कुल निवेश का
-60% है यहां दुनिया के कुल क्षेत्रफल का
भारत मंडपम में साढ़े चार मिनट की मूवी ‘इंडिया ऑन द मून’ की भी प्रस्तुति होगी. इसके जरिये भारत की चंद्रयात्रा का प्रदर्शन किया जायेगा. हाल ही में भारत को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करानेवाले दुनिया के पहले देश होने का गौरव मिला है.
विदेशी प्रतिनिधियों को जी-20 सदस्य देशों के अलावा मेहमान देशों सहित कुल 29 देशों की कला और संस्कृति की झलक से रूबरू होने का मौका मिलेगा. यह गलियारा वसुधैव कुटुंबकम की सोच को दर्शाने के साथ-साथ सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है.
विश्व नेताओं के लिए गंधर्व आतोद्यम समूह द्वारा भारत वाद्य दर्शनम की प्रस्तुति की जायेगी. 78 वादक कार्यक्रम पेश करेंगे. प्रस्तुति में संतूर, सारंगी, जल तरंग और शहनाई जैसे भारतीय शास्त्रीय वाद्ययंत्र शामिल किये जायेंगे.
ऑस्ट्रेलिया करेगा पूर्ण सहयोग: ऑस्ट्रेलिया ने कहा कि वह भारत की जी-20 अध्यक्षता का समर्थन करता है. उसके सभी मुद्दों को मानता है. देश ने अपनी ओर से पूर्ण सहयोग की बात की है.
फ्रांस बोला- जी20 समिट अहम: फ्रांस ने कहा कि भारत के नेतृत्व में हो रहा यह जी20 शिखर सम्मेलन काफी अहम है. वैश्विक चुनौतियों से मिलकर निपटने के लिए दुनिया के सामने यह एक अच्छा मौका होगा.
कनाडा मिलायेगा कंधे से कंधा: कनाडा संकटों से निपटने को अंतरराष्ट्रीय भागीदारों संग मिलकर काम करेगा, ताकि बेहतर कल का निर्माण किया जा सके.
द कोरिया चुनौतियों को करेगा हल: दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सूक येओल ने कहा है कि मानवता के समक्ष आने वाली चुनौतियों को हल करने के लिए जी20 को एक अवसर के रूप में देखते हैं.
यूपीआइ : कमाल देखेगी दुनिया, सभी मेहमानों को मिलेंगे एक-एक हजार रुपये
जी20 सम्मेलन के दौरान मेहमानों को भारत की आधार, डिजिलॉकर और यूपीआइ जैसी उपलब्धियों के बारे में बताया जायेगा. सरकार की योजना है कि सम्मेलन के दौरान सभी प्रतिनिधियों को यूपीआइ के जरिये पैसे भेजे जाएं. इसके लिए सरकार सभी संभावित प्रतिनिधियों का वॉलेट बनवा रही है. समिट के दौरान सभी के वॉलेट में एक-एक हजार रुपये ट्रांसफर किये जायेंगे. वे इस पैसे से समिट वेन्यू पर लगे स्टॉल से खरीदारी कर सकते हैं.
खादी को प्रोमोट करने के लिए भारत मंडपम में खादी की एक स्टॉल लगायी जायेगी. विदेशी मेहमानों के लिए मोदी जैकेट और अलग-अलग प्रांत की साड़ियां स्टॉल पर लगायी जायेगी. खादी ग्रामोद्योग के मुताबिक, बापू ने जिस तरीके से खादी की विरासत दी है, ठीक उसी तरीके से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खादी की ब्रांडिंग की है. जी20 का मौका है, तो ऐसे में खादी ग्रामोद्योग की पूरी कोशिश है कि मेहमान जब यहां से जाएं, तो मोदी जैकेट पहन कर जाएं.
आनेवाले राष्ट्राध्यक्षों व प्रतिनिधियों के लिए उपहारों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इसमें देश की हस्तशिल्प, कपड़ा व चित्रकला परंपराओं को प्राथमिकता दी जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खास तौर पर ऐसे उपहार तैयार करने को कहा है, जो गर्मजोशी का एहसास दिलाते हों. सूत्रों ने बताया कि उनका मानना है कि उपहार ऐसे हों, जिनमें हमारी हस्तशिल्प, परंपरा और संस्कृति की झलक दिखायी देती हो. जब नेता कोई चीज लेकर जायें, तो वे भारत की स्मृति साथ ले जायें.
जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत की अन्य डिजिटल क्षमताओं को भी प्रदर्शित किया जायेगा. जी20 शिखर सम्मेलन के लिए खास तौर पर तैयार भाषिणी, ओपन नेटवर्क फोर डिजिटल कॉमर्स और ई-संजीवनी को भी लोगों के सामने प्रस्तुत करने की योजना है. भाषिणी एक रियल टाइम लैंग्वेज ट्रांसलेशन टूल है, जो डेलिगेट्स को सारे कार्यक्रमों को अपनी-अपनी भाषा में सुनने में मदद करेगा. इस दौरान यूपीआइ के अलावा आधार और डिजिलॉकर की सेवाओं से भी प्रतिनिधियों को परिचित कराया जायेगा.
नौ देश आमंत्रित : बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन, यूएइ