G20 Summit in Kashmir: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में जी-20 पर्यटन कार्य समूह की बैठक सोमवार को शुरू हुई. तीन दिनों तक चलने वाली बैठक का आज दूसरा दिन है. पर्यटन पर कार्यकारी समूह की तीसरी बैठक के लिए चीन को छोड़कर सभी जी-20 देशों के प्रतिनिधि श्रीनगर पहुंचे. वहीं कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं. गौरतलब है कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में होने वाला यह पहला अंतरराष्ट्रीय आयोजन है.
चीन बैठक में नहीं हुआ शामिल: जी-20 के लिये भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि चीन को छोड़कर सभी जी 20 देशों ने बैठक में हिस्सा लिया. सदस्य देशों के 61 प्रतिनिधि मौजूद थे. बैठक में चीन का कोई भी प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ. बैठक को लेकर केंद्रीय मंत्रियों ने कहा कि कश्मीर में पर्यटन एक प्रमुख उद्योग है. उन्होंने कहा कि जी 20 कार्यक्रम के साथ घाटी की एक रोमांचक यात्रा शुरू कर रही है और यह पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत संदेश देगा.
सुरक्षा के कड़े इंतजाम: तीन दिनों का यह कार्यक्रम शांतिपूर्ण रूप से पूरा हो इसके लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, मरीन कमांडो, पुलिस और अर्धसैनिक बल शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) सहित कई दूसरे जगहों पर तैनात हैं. वहीं, कार्यक्रम स्थल के आसपास के बुलेवार्ड रोड को तीन दिन के लिए नो-गो जोन’ बना दिया गया है. वहीं, बैठक में शामिल होने के लिए प्रतिनिधि जिन रास्तों का इस्तेमाल कर रहे हैं उन पर और हवाई अड्डे को जोड़ने वाले रास्तों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.
चीन को नहीं दी तवज्जो: जी-20 पर्यटन कार्य समूह की बैठक में चीन का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ. इसपर भारतीय शेरपा अमिताभ कांत ने चीनी प्रतिनिधियों की उपस्थिति को तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि यात्रा और पर्यटन एक निजी क्षेत्र की गतिविधि है और कई देशों के व्यापार प्रतिनिधिमंडलों ने भाग लिया. अधिकारियों ने कहा कि ऐसा नहीं है कि सभी आमंत्रित लोग हर बैठक में शामिल होते हैं और कुछ ने देश के अन्य हिस्सों में आयोजित बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया है.
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