जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले बदली तस्वीर, दिल्ली में लगेगा विदेशी मेहमानों का दिल!
27 फीट लंबी, 18 टन वजनी यह प्रतिमा अष्टधातु से बनी सबसे ऊंची प्रतिमा है और इसे तमिलनाडु के स्वामी मलाई के प्रसिद्ध मूर्तिकार राधाकृष्णन स्थापति और उनकी टीम ने रिकॉर्ड सात महीनों में गढ़ा है. राधाकृष्णन की 34 पीढ़ियां चोल साम्राज्य काल से मूर्तियां बनाती आ रही हैं.
दिल्ली सरकार ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी विदेशी प्रतिनिधियों के स्वागत के लिए तैयार है और जी-20 शिखर सम्मेलन की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. कैबिनेट मंत्रियों आतिशी और सौरभ भारद्वाज ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आयोजन के लिए दिल्ली सरकार द्वारा की गई तैयारियों का विवरण साझा किया. आतिशी ने कहा, ‘‘यह बहुत गर्व की बात है कि हमारा देश जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. मैं प्रगति मैदान में एक भव्य सम्मेलन केंद्र बनाने के लिए केंद्र को बधाई देती हूं जहां जी-20 शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए दस सड़कों का कायाकल्प और व्यापक सौंदर्यीकरण किया गया है.’’ शिखर सम्मेलन के लिए किए गए नवीनीकरण और सौंदर्यीकरण कार्यों पर भारद्वाज ने भी आतिशी जैसे ही विचार व्यक्त किए. हालांकि, मंगलवार को देखे गए यातायात जाम के बारे में पूछे जाने पर भारद्वाज ने कहा, ‘‘इस पर उपराज्यपाल द्वारा बेहतर योजना बनाई जानी चाहिए थी. काफिले का अभ्यास शनिवार और रविवार को किया जाना चाहिए था.’’
केंद्र ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘27 फीट लंबी, 18 टन वजनी यह प्रतिमा अष्टधातु से बनी सबसे ऊंची प्रतिमा है और इसे तमिलनाडु के स्वामी मलाई के प्रसिद्ध मूर्तिकार राधाकृष्णन स्थापति और उनकी टीम ने रिकॉर्ड सात महीनों में गढ़ा है. राधाकृष्णन की 34 पीढ़ियां चोल साम्राज्य काल से मूर्तियां बनाती आ रही हैं. ब्रह्मांडीय ऊर्जा, रचनात्मकता और शक्ति का महत्वपूर्ण प्रतीक नटराज की यह प्रतिमा जी-20 शिखर सम्मेलन में आकर्षण का केंद्र बनने जा रही है.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन की प्रमुख बैठकों की मेजबानी करने वाले सम्मेलन केंद्र ‘भारत मंडपम’ में स्थापित नटराज की प्रतिमा भारत की सदियों पुरानी कलात्मकता और परंपराओं के प्रमाण की साक्षी है. वह इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के उस पोस्ट का जवाब दे रहे थे जिसमें प्रतिमा के बारे में कहा गया था कि यह अष्टधातु से बनी है.
इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत मंडपम में भव्य नटराज प्रतिमा हमारे समृद्ध इतिहास और संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को जीवंत करती है. जैसे ही दुनिया जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए एकत्रित होगी, यह भारत की सदियों पुरानी कलात्मकता और परंपराओं के प्रमाण की साक्षी बनेगी.’
जी-20 शिखर सम्मेलन में आने वाले राष्ट्राध्यक्षों और अन्य अंतरराष्ट्रीय मेहमानों के स्वागत के लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने लाल किला, हुमायूं का मकबरा, लोटस टेम्पल और अन्य महत्वपूर्ण विरासत स्थलों की छवियों वाले लगभग 450 बड़े बैनर विभिन्न इलाकों में लगाए हैं. एमसीडी द्वारा शहर के सौंदर्यीकरण अभियान के तहत सार्वजनिक दीवारों पर भारत की सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग को दर्शाने वाले नए भित्ति चित्र भी बनाए गए हैं.
इन बड़े बैनरों पर जी-20 का लोगो, थीम ‘वसुधैव कुटुंबकम’, ‘एक पृथ्वी, एक कुटुंब, एक भविष्य’ स्वागत संदेश के साथ अंकित है जो बड़े पैमाने पर यूनिपोल पर लगाए गए हैं जिन पर आमतौर पर विज्ञापन होते हैं.
एमसीडी के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हमने जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए शहर में स्वागत बैनर लगाने का फैसला किया था. चूंकि यह देश के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है और दिल्ली इसके केंद्र में है, इसलिए हमने अपनी विरासत को प्रदर्शित करने का विकल्प चुना. इसलिए, बैनर लाल किला, हुमायूं का मकबरा, कुतुब मीनार, लोटस टेम्पल जैसे स्मारकों को दर्शाते हैं. शहर भर में लगभग 450 ऐसे बैनर लगाए गए हैं.’’
जयपुर स्थित धातु की वस्तुओं का निर्माण करने वाली (मेटलवेयर) एक कंपनी ने कहा है कि यहां जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले राष्ट्राध्यक्षों और विश्व के अन्य नेताओं को भारत की सांस्कृतिक विरासत से प्रेरित कलाकृतियों वाले चांदी के विशेष बर्तनों पर भोजन परोसा जाएगा. ‘आइरिस जयपुर’ ने मंगलवार को नयी दिल्ली में अपने कुछ चांदी के बर्तनों का पूर्वावलोकन आयोजित किया और कहा कि उसे विभिन्न आलीशान होटलों ने ऑर्डर पर बने टेबलवेयर और चांदी के बर्तनों की आपूर्ति को कहा है. उसके मुताबिक इनका उपयोग विदेशी मेहमानों द्वारा होटलों में प्रवास के दौरान भव्य रात्रि व दोपहर के भोज के लिए किया जाएगा.