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जी20 शिखर सम्मेलन में हुआ तय, अब महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास पर फोकस करेंगे सदस्य देश

भारत जिस प्रकार ‘लैंगिक समानता और सभी महिलाओं एवं लड़कियों को सशक्त बनाने’ के लिए प्रयास कर रहा है, उसे एक तरह से विश्व का समर्थन मिल गया है. जी20 ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से प्रेरणा ली है, जिसके तहत अब महिला विकास की जगह, महिलाओं के नेतृत्व में विकास को प्रमुखता दी जाएगी.

By Rajneesh Anand | September 11, 2023 1:31 PM

जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन भारत में सफलतापूर्वक संपन्न हो गया. इस बैठक में जी20 ग्रुप के नेताओं ने शिरकत की और सदस्य देशों ने निर्धारित एजेंडे पर सहमति के साथ काम करने को लेकर प्रतिबद्धता जताई. जी20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता इस वर्ष भारत ने की और भारत सरकार ने लैंगिक समानता, महिला सशक्तिकरण और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के लिए सदस्य देशों को प्रोत्साहित किया.

ब्राजील में होगी कार्यसमूह की पहली बैठक

जी20 शिखर सम्मेलन में अध्यक्ष के उस वक्तव्य को शामिल किया गया है, जिसे गांधीनगर में महिला सशक्तिकरण के लिए जी20 मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में अपनाया गया था. जी20 के लीडर्स ने जी20 महिला मंत्रिस्तरीय (जी20 वुमेन मिनिस्ट्रीयल) का समर्थन करने के लिए महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए एक कार्य समूह के गठन पर सहमति व्यक्त की, जिसकी पहली बैठक ब्राजील में आयोजित होने वाली जी20 अध्यक्षता के दौरान होगी.

पीएम मोदी के विजन से ली गयी प्रेरणा

भारत जिस प्रकार ‘लैंगिक समानता और सभी महिलाओं एवं लड़कियों को सशक्त बनाने’ के लिए प्रयास कर रहा है, उसे एक तरह से विश्व का समर्थन मिल गया है. जी20 ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से प्रेरणा ली है, जिसके तहत अब महिला विकास की जगह, महिलाओं के नेतृत्व में विकास को प्रमुखता दी जाएगी. इसके तहत अर्थव्यवस्था और समाज के सभी क्षेत्रों में नारी शक्ति पर फोकस किया जाएगा.

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खत्म किया जाएगा लैंगिक डिजिटल विभाजन

लैंगिक समानता, महिला सशक्तिकरण और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के लिए एक तरह से जी20 के सदस्य देश सहमत हो गए हैं. इसके तहत ‘आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण को बढ़ाना’, ‘लैंगिक डिजिटल विभाजन को खत्म करना’, ‘लैंगिक समावेशी जलवायु कदमों को आगे बढ़ाना’ और ‘महिलाओं की खाद्य सुरक्षा, पोषण एवं कल्याण को सुरक्षित करना’ प्राथमिकता सूची में शामिल है.

महिला सशक्तिकरण पर एक कार्य समूह का गठन

इतना ही नहीं गौर करने वाली बात यह है कि जी20 के लीडर्स जी20 महिला मंत्रिस्तरीय का समर्थन करने के लिए ‘महिला सशक्तिकरण पर एक कार्य समूह’ के गठन पर सहमत हुए हैं. इस कार्यसमूह की बैठक ब्राजील में आयोजित होने वाली जी20 की बैठक में होगी. ‘लैंगिक समानता और सभी महिलाओं एवं लड़कियों को सशक्त बनाने’ के लिए भारत की प्रतिबद्धता को जिस तरह जी20 नई दिल्ली लीडर्स डिक्लेरेशन 2023 में सहमति मिली, वो एक तरह से भारत की जीत है. जी20 के लीडर्स, जी20 देशों और अतिथि देशों यानी अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, कोरिया गणराज्य, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किए, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, बांग्लादेश, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, सिंगापुर, स्पेन, ओमान और यूएई से आए प्रतिनिधिमंडलों, वक्ताओं और प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी भी इसमें काफी अहम है.

स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की रही सक्रिय भूमिका

भारत की यह कोशिश थी कि महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास पर ध्यान केंद्रित करने के साथ, दुनिया भर में महिला सशक्तिकरण के लिए सदस्य देशों को एकजुट किया जाए, जिसमें भारत को सफलता भी मिली. जिसके तहत छह व्यक्तिगत उपस्थिति वाले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और 86 वर्चुअल अंतरराष्ट्रीय बैठकें लैंगिक समानता से जुड़े मुद्दों पर केंद्रित रहीं. इनमें क्रमशः डॉ. संगीता रेड्डी (ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर- अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप) और डॉ. संध्या पुरेचा (संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार विजेता) की अध्यक्षता में हुई जी20 एम्पावर और डब्ल्यू20 की बैठकें शामिल हैं. जी20 के कार्यक्रमों में महिला नेतृत्व वाले विकास को प्रदर्शित किया गया और विभिन्न राज्यों के महिला समुदाय के प्रमुखों, कारीगरों, स्वयं सहायता समूहों, एसएमई, कॉरपोरेट्स तथा व्यावसायिक संस्थाओं ने भारत की जी20 की अध्यक्षता को वास्तव में लोगों का कार्यक्रम बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई है.

जी20 की बैठक में छह एजेंडा 

गौरतलब है कि भारत में आयोजित जी20 की बैठक में छह एजेंडा तय किया गया था. जिसपर सदस्य देशों ने खासा ध्यान दिया और इनपर काम करने को लेकर सहमति भी बनी और कई ठोस प्रयास भी किये गये. ये एजेंडा इस प्रकार है- हरित विकास, जलवायु वित्त और LiFE, त्वरित, समावेशी और लचीला विकास, एसडीजी पर प्रगति में तेजी लाना, तकनीकी परिवर्तन और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, 21वीं सदी के लिए बहुपक्षीय संस्थाएं एवं महिलाओं के नेतृत्व में विकास.

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