15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

G20 Summit: ‘परमाणु धमकी स्वीकार नहीं’, G20 घोषणा पत्र के 37 पन्नों में यूक्रेन और आतंकवाद पर चर्चा

भारत की अध्यक्षता में शक्तिशाली जी20 समूह ने आतंकवाद के सभी रूपों की शनिवार को निंदा की और आतंकवादी समूहों को सुरक्षित पनाहगाह और भौतिक या राजनीतिक समर्थन से वंचित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया.

दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में जी20 देशों का शिखर सम्मेलन जारी है. दो दिवसीय सम्मेलन के पहले दिन शनिवार को भारत को बड़ी कामयाबी हाथ लगी. सभी देशों ने ‘नयी दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन’ को अपना लिया. मोदी ने शिखर सम्मेलन में नेताओं से कहा, मित्रों, हमें अभी-अभी अच्छी खबर मिली है कि हमारी टीम की कड़ी मेहनत और आपके सहयोग के कारण, नयी दिल्ली जी20 लीडर्स समिट डिक्लेरेशन पर आम सहमति बन गई है. सम्मेलन के पहले दिन का पहला सत्र वन अर्थ और दूसरा सत्र वन फैमिली पर आधारित रहा. जी20 सम्मेलन के पहले दिन परमाणु, आतंकवाद और यूक्रेन पर खास चर्चा की गयी.

जी20 समूह ने आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की

भारत की अध्यक्षता में शक्तिशाली जी20 समूह ने आतंकवाद के सभी रूपों की शनिवार को निंदा की और आतंकवादी समूहों को सुरक्षित पनाहगाह और भौतिक या राजनीतिक समर्थन से वंचित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया. घोषणापत्र में कहा गया है कि आतंकवाद की कोई भी कार्रवाई आपराधिक और अनुचित है, चाहे ऐसी कार्रवाई कहीं भी घटित हुई हो और किसी ने भी की हो. जी20 नेताओं ने वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) और एफएटीएफ जैसी संस्थाओं की बढ़ती संसाधन जरूरतों को पूरा करने की भी प्रतिबद्धता जताई. घोषणापत्र में कहा गया है, हम शांति के लिए सभी धर्मों की प्रतिबद्धता को स्वीकार करते हैं और नस्लवाद तथा असहिष्णुता के अन्य रूपों समेत आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा करते हैं. यह अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है.

परमाणु हथियारों का इस्तेमाल या धमकी देना अस्वीकार्य

जी20 देशों के ‘नयी दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन’ में शनिवार को कहा गया कि आज का युग युद्ध का युग नहीं है और इसी के मद्देनजर घोषणापत्र में सभी देशों से क्षेत्रीय अखंडता तथा संप्रभुता सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों को बनाए रखने का आह्वान किया गया. घोषणापत्र में कहा गया है कि संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान के साथ-साथ कूटनीति और संवाद भी जरूरी है. इसमें कहा गया है कि यूक्रेन में युद्ध के संबंध में, बाली में हुई चर्चा को याद किया गया और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद तथा संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपनाए गए प्रस्तावों को दोहराया गया. इसमें इस बात पर भी जोर दिया गया कि सभी देशों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों के अनुरूप कार्य करना चाहिए.

Also Read: जी-20 शिखर सम्मेलन में देश का नाम लेते समय ‘भारत’ शब्द का पीएम मोदी ने किया इस्तेमाल, पढ़ें भाषण की खास बातें

परमाणु धमकी अस्वीकार्य

इस घोषणापत्र में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुरूप, सभी देशों को किसी भी देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता या राजनीतिक स्वतंत्रता के खिलाफ चेतावनी या बल प्रयोग से बचना चाहिए. इसमें कहा गया, परमाणु हथियारों का इस्तेमाल या इस्तेमाल की धमकी देना अस्वीकार्य है. घोषणापत्र में कहा गया, हमने वैश्विक खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, आपूर्ति श्रृंखला, मुद्रास्फीति और विकास के संबंध में यूक्रेन में युद्ध की मानवीय पीड़ा और उसके नकारात्मक प्रभावों पर प्रकाश डाला.

Also Read: G20 Summit: भारत को मिली बड़ी कामयाबी, नई दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन को मिली मंजूरी, जानें खास बातें

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें