14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

गलवान घाटी से वापस लौटी चीनी सेना, जानें किन बातों पर बनी सहमति

भारत और चीन के शीर्ष सैन्य कमांडरों के बीच सोमवार को हुई बैठक के दौरान दोनों देशों की सेनाएं पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले स्थानों से हटने पर सहमत हुई हैं. सैन्य सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

नयी दिल्ली : भारत और चीन के शीर्ष सैन्य कमांडरों के बीच सोमवार को हुई बैठक के दौरान दोनों देशों की सेनाएं पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले स्थानों से हटने पर सहमत हुई हैं. सैन्य सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

सोमवार को भारतीय पक्ष नें 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह की अगुवाई में और चीनी पक्ष ने तिब्बत सैन्य जिला कमांडर मेजर जनरल ल्यू लिन की अगुवाई में करीब 11 घंटे तक बातचीत की.

गुप्त सूचना पर हो रही थी छापेमारी, आतंकियो ने शुरू की फायरिंग दो आतंकी ढेर एक जवान शहीद

सूत्रों ने बताया कि यह बातचीत, ‘‘सौहार्दपूर्ण, सकारात्मक और रचनात्मक माहौल” में हुई और यह निर्णय लिया गया कि दोनों पक्ष पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले सभी स्थानों से हटने के तौर तरीकों को अमल में लाएंगे. भारत और चीनी सेना के बीच 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद चरम पर पहुंचे तनाव के बीच यह वार्ता हुई.

बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि स्थिति सहज बनाने के लिए जरूरी कदम उठाने तथा लंबित मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच ‘‘स्पष्ट और गहराई ” से बातचीत हुई . इस बीच, थल सेना प्रमुख एम एम नरवणे ने लेह पहुंचने के बाद कमांडरों के साथ लद्दाख क्षेत्र में सेना की समग्र तैयारियों की समीक्षा की.

सेना प्रमुख क्षेत्र के दो दिनों के दौरे के दौरान विभिन्न अग्रिम इलाकों का दौरा करेंगे . पिछले छह हफ्ते से पेंगोग सो, गलवान घाटी, गोगरा हॉट स्प्रिंग और कई अन्य स्थानों पर दोनों देशों की सेनाओं का आमना-सामना हुआ है.

लेफ्टिनेंट जनरल की पहली वार्ता छह जून को हुई थी जिसमें दोनों पक्ष गलवान घाटी में टकराव वाले सभी स्थानों से धीरे-धीरे पीछे हटने पर सहमति हुए थे . लेकिन 15 जून को गलवान घाटी में झड़प के बाद स्थिति बिग्रड़ती चली गयी और दोनों पक्ष 3500 किलोमीटर की सीमा के अधिकतर क्षेत्रों में अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ाने लगे . सरकार ने रविवार को एलएसी पर चीन के किसी भी दुस्साहस का ‘‘मुंहतोड़ जवाब” देने के लिए सेना को ‘‘पूरी छूट” दी थी.

सेना ने बीते एक हफ्ते में सीमा से लगे अग्रिम ठिकानों पर हजारों अतिरिक्त जवानों को भेजा है. वायुसेना ने भी झड़प के बाद श्रीनगर और लेह समेत अपने कई अहम ठिकानों पर सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर, मिराज 2000 लड़ाकू विमानों के साथ ही अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की तैनाती की है. इस घटनाक्रम से जुड़े लोगों ने बताया कि वार्ता में भारतीय पक्ष ने गलवान घाटी में चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय सैनिकों पर ‘‘पूर्वनियोजित”हमले का मामला प्रमुखता से उठाया और पूर्वी लद्दाख के सभी इलाकों से तत्काल चीनी सैनिकों को हटाने की मांग की.

उन्होंने कहा कि भारतीय पक्ष ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों को अपने बेसों में सैनिकों की संख्या घटाने का भी सुझाव दिया. सूत्रों ने बताया कि पीछे हटने के विस्तृत प्रारूप को अंतिम रूप देने के लिए अगले कुछ हफ्ते में दोनों पक्ष कुछ और बैठकें करेंगे.

गलवान घाटी में झड़प के बाद तनाव कम करने के रास्ते तलाशने के लिए दोनों पक्षों ने मेजर जनरल स्तर की कम से कम तीन बैठकें की है . पूर्वी लद्दाख में स्थिति तब बिगड़ गई थी जब करीब 250 चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच पांच और छह मई को हिंसक झड़प हुई. पेंगोंग सो के बाद उत्तरी सिक्किम में नौ मई को झड़प हुई. झड़प के पहले दोनों पक्ष सीमा मुद्दों के अंतिम समाधान होने तक सीमाई इलाके में अमन-चैन बनाए रखने पर जोर दे रहे थे.

Posted By- Pankaj Kumar Pathak

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें