Galwan valley clash : गलवान में निहत्थे नहीं थे भारतीय सैनिक, राहुल गांधी को विदेश मंत्री का करारा जवाब
Galwan valley clash, Indo-China violent face-off : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि चीन की सीमा की रक्षा कर रहे सभी भारतीय जवानों के पास हथियार होते हैं. विदेश मंत्री ने कहा कि 1996 और 2005 में हुए दो द्विपक्षीय समझौतों के प्रावधानों के अनुसार दोनों देशों की सेनाएं आग्नेयास्त्रों का उपयोग नहीं करती हैं.
नयी दिल्ली : लद्दाख के गलवान घाटी में सोमवार 15 जून को भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद पूरे देश में जोरदार गुस्सा देखा जा रहा है. दूसरी ओर चीन के साथ ताजा सीमा विवाद पर कांग्रेस सहीत विपक्षी दलों ने केंद्र की मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर बड़ा हमला करते हुए आरोप लगाया कि हमारे सैनिकों को शहीद होने के लिए निहत्थे क्यों भेजा गया. राहुल के इस सवाल पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने करारा जवाब दिया है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि चीन की सीमा की रक्षा कर रहे सभी भारतीय जवानों के पास हथियार होते हैं. विदेश मंत्री ने कहा कि 1996 और 2005 में हुए दो द्विपक्षीय समझौतों के प्रावधानों के अनुसार दोनों देशों की सेनाएं आग्नेयास्त्रों का उपयोग नहीं करती हैं.
राहुल गांधी द्वारा सवाल किए जाने के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया, हम तथ्य को स्पष्ट कर दें. सीमा ड्यूटी पर सभी सैनिक हमेशा अपने पास हथियार रखते हैं, खासकर जब वे चौकी से बाहर निकलते हैं.
Let us get the facts straight.
All troops on border duty always carry arms, especially when leaving post. Those at Galwan on 15 June did so. Long-standing practice (as per 1996 & 2005 agreements) not to use firearms during faceoffs. https://t.co/VrAq0LmADp
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) June 18, 2020
जवानों ने 15 जून को गलवान में भी ऐसा किया था. लंबे समय से चले आ रहे चलन (1996 और 2005 के समझौतों के अनुसार) टकराव के दौरान आग्नेयास्त्रों का उपयोग नहीं किया जाता.
सोमवार को गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के बीच हुई भीषण झड़प में एक कर्नल सहित बीस भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे. चीन ने हताहतों की संख्या के बारे में अभी तक कोई आंकड़ा जारी नहीं किया है.
राहुल ने वीडियो मैसेज किया ट्वीट
राहुल गांधी ने अपेन टि्वटर हैंडल से एक वीडियो जारी किया और कहा, चीन ने शस्त्रहीन भारतीय सैनिकों की हत्या करके बहुत बड़ा अपराध किया हैं. मैं पूछना चाहता हूं कि इन वीरों को बिना हथियार के खतरे की ओर से किसने भेजा? क्यों भेजा? कौन जिम्मेदार है?.
इससे पहले गांधी ने एक पूर्व सैन्य अधिकारी के साक्षात्कार का उल्लेख करते हुए ट्वीट किया, चीन की हिम्मत कैसे हुई कि उसने हमारे निहत्थे सैनिकों की हत्या की? हमारे सैनिकों को शहीद होने के लिए निहत्थे क्यों भेजा गया? कांग्रेस नेता ने बुधवार को भी इस मामले पर सवाल किया था, प्रधानमंत्री खामोश क्यों हैं? वह छिपे हुए क्यों हैं? अब बहुत हो चुका. हमें यह जानने की जरूरत है कि क्या हुआ है. उन्होंने कहा था, हमारे सैनिकों की हत्या करने की चीन की हिम्मत कैसे हुई? हमारी भूमि पर कब्जा करने की उनकी हिम्मत कैसे हुई?
posted by – arbind kumar mishra