Gandhi Jayanti 2022: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने बीते शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में विशेष रूप से उपस्थिति दी. यहां उन्होंने करीब 6.50 मिनट तक शिक्षा पर अपना संदेश लोगों से साझा किया. जी हां, बिल्कुल सही पढ़ा आपने. दरअसल, महात्मा गांधी को पहली बार आदमकद होलोग्राम के जरिये पैनल चर्चा में शामिल किया गया. बता दे कि संयुक्त राष्ट्र में शुक्रवार को भारत के स्थायी मिशन और यूनेस्को महात्मा गांधी शांति और सतत विकास शिक्षा संस्थान के द्वारा अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस पर चर्चा का आयोजन किया गया.
तीन बार चर्चा में शामिल हुए महात्मा गांधी
संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अहिंसा दिवस मनाया जा रहा था. इसी दौरान शिक्षा पर महात्मा गांधी के पुराने मौखिक विचारों को साझा किया गया. इसके लिए विशेष आदमकद होलोग्राम की व्यवस्था की गयी थी. इस होलोग्राम के जरिये महात्मा गांधी तीन बार चर्चा में शामिल हुए थे. बता दें कि चर्चा के दौरान उन्होंने खड़े होकर और कुर्सी पर बैठकर अपना संदेश साझा किया.
चर्चा में महात्मा गांधी ने क्या विचार दिये?
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शिक्षा पर उनके पूर्व के मौखिक विचारों को साझा किया गया. महात्मा गांधी ने कहा कि साक्षरता शिक्षा का अंत या यहां तक कि शुरुआत भी नहीं है. शिक्षा से मेरा तात्पर्य बच्चे या किसी व्यक्ति के शरीर, मन और आत्मा में उत्कृष्टता का सर्वांगीण संचार करना है. आध्यात्मिक प्रशिक्षण से मेरा तात्पर्य मन की शिक्षा से है.
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साथ ही एक और विचार दिया गया. शिक्षित लोगों के चरित्र में सुधार के लिए हम शायद ही कोई विचार करते हैं. स्कूल और कॉलेज वास्तव में सरकार के लिए क्लर्क बनाने का एक कारखाना हैं. इसके विपरीत, वास्तविक शिक्षा में अपने आप को सर्वश्रेष्ठ से बाहर निकालना शामिल है. इससे बेहतर किताब और क्या हो सकती है. क्या मानवता की किताब से ज्यादा कुछ हो सकता है?
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MGIEP के निदेशक अनंत दुरईअप्पा ने किया संचालन
विश्व अहिंसा दिवस के अवसर पर यूनेस्को एमजीआईईपी के निदेशक अनंत दुरईअप्पा ने चर्चा का संचालन किया. इसमें संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज, द किंग सेंटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बर्निस किंग और डिजिटल शिक्षा परिवर्तन की चैम्पियन इंडोनेशिया की राजकुमारी हायु भी शामिल हुए. चर्चा में मानव विकास के लिए शिक्षा पर विशेष तौर प्रकाश डाला गया. कार्यक्रम अहिंसा व्याख्यान श्रृंखला का हिस्सा था.